अतिक्रमणकारियों के हौसले बुलंद, कब्ज़ा हटाने गई वन टीम पर हमला, 6 से अधिक कर्मचारी घायल

जंगल माफिया वन संपदा सहित जंगल की जमीन पर भी कब्ज़ा करने की कोशिश में रहता है, हालाँकि समय समय पर वन विभाग इसपर एक्शन लेता है लेकिन माफिया के बुलंद हौसले जंगल को लगातार नुकसान पहुंचा रहे है, सरकार को कड़े एक्शन लेने की जरुरत है।

Atul Saxena
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attack on forest team

Attack on forest team : खंडवा जिले में इंदिरा सागर एवं ओंकारेश्वर परियोजना के कारण बड़ा वन क्षेत्र जलमग्न हो गया। शेष बचे वन क्षेत्र पर अब अतिक्रमणकारियों का कब्जा बढ़ता जा रहा है। समय-समय पर वन विभाग द्वारा अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जाती है, लेकिन कई स्थानों पर उन्हें अतिक्रमणकारियों के तीखे विरोध का सामना करना पड़ रहा है।

वर्तमान में स्थिति इतनी गंभीर हो चुकी है कि अतिक्रमणकारी न केवल वन क्षेत्र में विभागीय कार्य में बाधा डाल रहे हैं, बल्कि पथराव जैसे हिंसक कृत्य करने से भी पीछे नहीं हट रहे हैं। शुक्रवार को सीताबेड़ी क्षेत्र में अतिक्रमणकारियों ने वन विभाग की टीम पर पथराव कर दिया, जिसमें आधा दर्जन से अधिक वन कर्मचारी घायल हो गए।

अतिक्रमणकारियों ने रोका कार्य

वहीं, शनिवार को गुड़ी वन रेंज के नाहरमाल वन क्षेत्र में बिट क्रमांक 745 पर अतिक्रमण हटाने गई वन विभाग की टीम को भी भारी विरोध का सामना करना पड़ा। नाहरमाल, पिपल्या खुर्द, लालमाटी, टाकलखेड़ा, टाकलबेड़ी, डेहरिया सहित आसपास के गांवों से बड़ी संख्या में अतिक्रमणकारी एकत्र हुए। उन्होंने जेसीबी से चल रहे सीपीटी खुदाई कार्य को जबरन बंद करवा दिया। डिप्टी रेंजर दीपेश श्रीवास से बहस करते हुए उन्होंने टीम को काम करने से रोक दिया।

जंगल बचाने में मुश्किलें

वन अमला लगातार जंगल बचाने के लिए प्रयासरत है, लेकिन अतिक्रमणकारियों के विरोध और हिंसक गतिविधियों के कारण उन्हें चोटें झेलनी पड़ रही हैं। वर्तमान स्थिति में वन कर्मचारियों को अपनी सुरक्षा की चिंता करते हुए भी कार्य करना पड़ रहा है।

मामला दर्ज करने की प्रक्रिया जारी

गुड़ी वन परिक्षेत्र अधिकारी नरेंद्र पटेल ने बताया कि अतिक्रमणकारियों के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा डालने सहित अन्य धाराओं में पिपलोद थाने में शिकायत दर्ज कराने के लिए आवेदन दिया गया है।

वन मंत्रालय को लेना चाहिए संज्ञान

अतिक्रमण की लगातार बढ़ती घटनाएं वन विभाग के कार्यों को बाधित कर रही हैं। ऐसी स्थिति में मध्य प्रदेश वन मंत्रालय को गंभीरता से ध्यान देकर ठोस कार्रवाई करनी चाहिए।

अतिक्रमणकारियों के हौसले बुलंद, कब्ज़ा हटाने गई वन टीम पर हमला, 6 से अधिक कर्मचारी घायल

खंडवा से सुशील विधाणी की रिपोर्ट 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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