Khandwa News : चार साल की मासूम को मिला परिवार, केरल दंपत्ति ने लिया गोद, माता पिता मिलते ही लिपट गई बच्ची

Khandwa News :  “तिनके को सहारा मिले, कश्ती को किनारा मिले, एक उम्मीद की किरण अभी जिंदा है दिलों में कि हर बच्चे को घर एक प्यारा मिले।” एक पुरानी कहावत है, “मारने वाले से, बचाने वाला बड़ा होता है।” बुरहानपुर जिले से मिली एक मासूम बालिका की किस्मत बदल गई है, एक बार फिर से इस कहावत को सच साबित कर दिया है कोई नहीं जानता कि वो कौन सी मजबूरी रही होगी जिसके कारण इस मासूम को इसकी मां या पिता सड़क पर लावारिस छोड़ गए थे, लेकिन जिला प्रशासन, और किलकारी शिशु ग्रह की मदद से इस बालिका को आज एक शिक्षित परिवार में जाने का मौका मिला, उसे परिवार मिल गया, माता पिता मिल गए।

किलकारी शिशु गृह में पल रही एक 4 साल की अनाथ , लावारिस बालिका को केरल की दंपत्ति ने गोद लिया है । माता-पिता से बिछड़ी बालिका रेलवे स्टेशन और आसपास में भटक रही थी, बालिका की सूचना पुलिस द्वारा जिला प्रशासन को दी गई बुरहानपुर जिला कलेक्टर भव्य मित्तल द्वारा इस बालिका को खंडवा की किलकारी शिशु गृह को दिया गया जहां उस बालिका का पालन पोषण किया गया, जब बालिका को किलकारी शिशु गृह लाया गया था तो बालिका को काफी चोट लगी हुई थी शिशु गृह द्वारा बालिका का उपचार कराया गया, बालिका के परिजन को ढूंढने की सूचना पुलिस को दी गई। स्थानीय अखबारों में विज्ञापन छपवाए, लेकिन कोई भी उन पर दावा करने नहीं आया।


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....