Omkareshwar News : विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग नगरी ओंकारेश्वर में बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंचतें हैं, जहां से ज्योतिर्लिंग भगवान् ओंकारेश्वर के दर्शन करने के बाद जब वो नया झूला पुल पंहुच रहे हैं तो पुल बंद होने के कारण उन्हें मायूस होकर ही लौटना पड रहा हैं। इन दिनों अव्यवस्थाओं का शिकार होने के साथ हिटलर शाही प्रशासन की मनमानी चरम पर है, जिससे लोगों में खासा आक्रोश देखने को मिल रहा है। अमावस्या-पूर्णिमा सहित शनिवार-रविवार को दर्शनार्थियों की संख्या अधिक रहती हैं। वहीं, पुल पर आवाजाही बंद होने से श्रद्धालुओं को बिना दर्शन किए ही वापस लौटना पड़ रहा है, जिससे क्षेत्रवासियों में गहरा रोष बना है जबकि स्थानीय लोग भी परेशान हो रहे हैं। आइए विस्तार से जानें…
उग्र आंदोलन करने की चेतावनी
स्थानीय लोगों ने 2 दिन में नया झूला पुल चालू नहीं होने पर उग्र आंदोलन करने की चेतावनी दी है। बता दें कि प्रतिदिन हजारों की संख्या में आने वाले श्रद्धालु भीषण गर्मी में तपते हुए 50 वर्ष पुराने पुल से होकर ज्योतिर्लिंग दर्शन के लिए पहुंचते हैं। रास्ते में कई अव्यवस्थाओं के साथ परेशानियों से जूझते हुए ज्योतिर्लिंग भगवान के गर्भगृह तक पहुंचने के बाद भी उन्हें दर्शन नहीं होने से निराश होकर वापस लौट रहे हैं।
कांग्रेस युवा नेता ने कही ये बात
आज तारीख तक पुल को चालू नहीं करना कहीं ना कहीं एनएसडीसी, स्थानीय प्रशासन और राजनीति के भेट चढ़कर रह गया। जिसे लेकर कांग्रेस युवा नेता कुंवर उत्तम पाल सिंह ने शासन ,प्रशासन और स्थानीय प्रशासन पर संगीन आरोप लगाते हुए कहा कि यहां पर श्रद्धालुओं के साथ हो रहा खिलवाड़ को देखने के बाद भी नजर अंदाज अनदेखी कर रहा है।
लोगों ने की ये मांग
वहीं, एडवोकेट मनीष पुरोहित ने कहा कि, यहां आने वाले हजारों भक्त गर्मी में तपते हुए ज्योतिर्लिंग दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं लेकिन सभी को बिना दर्शन किए ही वापस जाना पड़ रहा है। इससे लोगों का रोजगार प्रभावित हो रहा है।
बड़ी संख्या में पहुंचते हैं पर्यटक
बता दें कि अमावस्या पुर्णिमा एवं सप्ताहांत और त्योहारी अवकाश के चलते ओंकारेश्वर में बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं। शिवरात्री सोमवती अमावस्या श्राद्ध अमावस्या जैसे बडे पर्वों पर खण्ड़वा जिला प्रशासन को अपनी आयु पूरी कर चुके पुराने झूला पुल के ऊपर से रिस्क लेकर श्रद्धालुओं को नर्मदा पार कराना पड़ा। लोक निर्माण विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, पुराना झूला पुल अपनी उम्र पार कर चुका था।
फरवरी से बंद पड़ा है झूला पुल
दरअसल, बीते फरवरी माह में खण्ड़वा जिला प्रशासन ने नर्मदा नदी के ऊपर बने झूला पुल को बंद कर दिया था। एनएचडीसी के सिविल महाप्रबंधक के साथ-साथ इन्दौर कमिश्नर पवन कुमार दुबे के निर्देश पर पुल की जाँच करने आई विशेषज्ञों की टीम ने भी यह स्विकार्य किया कि झूला पुल पर से सिमित संख्या में लोगों का आवागमन चालु रख सकते हैं लेकिन खण्ड़वा जिला कलेक्टर बिते दो माह से रिपेयरिंग होने के बाद चालु करने का हवाला देते चले आ रहे हैं। इस दौरान टुटा हुआ एक सस्पेंडिंग तार दुरुस्त भी कर लिया गया है तथा पुल पर लगे टिन शैड को हटा लिये गये हैं।
लोगों की रोजीरोटी पर छाया संकट
प्रशासन द्वारा पुल पर आवाजाही रोके जाने से स्कूली बच्चों तथा अन्य लोगों को कुछ मीटर की दूरी तय करने के बजाय अपने घरों तक पहुंचने के लिए अब करीब 1 किमी. का पैदल सफर तय करना पड़ रहा है। वहीं, ओंकारेश्वर की स्थानीय निवासी मनिषा बाई ने कहा कि, “झुला पुल बंद होने से परिवार के लालन पालन में बडी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। इस तरह से दर्जनों महिलाओं के परिवार पर रोजीरोटी का संकट आ खडा हुआ है।”
खंडवा से सुशील विधाणी की रिपोर्ट