खंडवा। सुशील विधानी| नासा ने पर्यावरण रक्षा के लिए जिन 12 पौधों को रोपने की जानकारी दी। वे सभी पौधे खंडवा के सैफी कालोनी के इस्माइल जौहर के यहाँ मौजूद हैं। इसके लिए उन्होंने काफी मशक्कत की। ये ही पौधे ग्लेशियर को पिघलने से रोकने में भविष्य में कामयाब हो सकते हैं। शर्त यही है कि इसे हर घर के बगीचे में रोपना जरूरी है।
इस्माइल जौहर खंडवा के मूल निवासी हैं, लेकिन उनका परिवार दुबई में अधिकतर रहता है। परिजन खंडवा आते हैंं, तो सबसे ज्यादा खुश यहाँ मिट्टी और पानी की उपलब्धता को देखकर होते हैं। वे खंडवा में रहे तब तक उन्हें अपने देश और खंडवा की मिट्टी का मोल पता नहीं चला। दुबई में उन्होंने देखा कि भारत से खाद, मिट्टी ले जाकर वहाँ दो सौ एकड़ का हजारों फूलों की वेरायटी वाला बगीचा लगा दिया। यहाँ हम सारी उलब्धताओं के बावजूद अवेयर नहीं हैं। हंै तो कम हैं।
श्री जौहर के मुताबिक नेट पर उन्होंने नासा की पर्यावरण प्रदूषण रोकने के उपाय खोजे। इसमें 12 प्रजातियों के पौधे रोपने पर जोर दिया गया। उन्होंने सारी प्रजातियाँ एकत्रित करवा लीं। कुछ पौधे विदेश से लाने पड़े। कुछ यहीं मिल गए। इनमें फाईक स, स्पाइडर, पीस लिलि, मदर इन ला टंग, मनी प्लांट, फर्न बोस्टर, रबर प्लांट और सबसे प्रमुख तुलसी का पौधा है। तुलसी के पौधे में सबसे ज्यादा आक्सीजन देने और पर्यावरण को संरक्षित रखने की ताकत है, जो ऋषि मुनी हजारों साल पहले इसके संकेत दे गए थे। श्री जौहर बताते हैं कि सैय्यदना साहब हर संदेश में हमें एक पौधा जो पेड़ बने। उसे लगाने का कहते थे। अब उन्होंने घरों में बगीचे और बाहर पेड़ लगाने का कहा। मुझे और प्रेरणा मिली। दस साल से दुबई समय पर जाता हूँ, लेकिन इन पौधों के लिए जिम्मेदार व्यक्ति या किसी परिजन को छोड़कर जाता हूँ। समाजसेवी सुनील जैन ने बताया कि पर्यावरण रक्षा की इससे ज्यादा और क्या मिसाल हो सकती है कि पर्यावरण पे्रमी स्माइल जोहर ने अपने सैफी कालोनी स्थित बंगले में गार्डन वाटिका लगा रखी जिसमें पचास प्रकार के फूलों के साथ फलों के भी पौधे फल-फूल रहे हैं। सैय्यदना साहब की प्रेरणा से एक पौधा नहीं घर में वाटिका का ही निर्माण कर रखा और और अपने बच्चों की तरह फूल-पौधों से प्यार करते हुए उनका पालन-पोषण करते हैं। इस कार्य में उनके पुत्र मोइज जोहर एवं पुत्रवधु अरवा जोहर भी सहयोगी बने हुए है। श्री जौहर समय-समय पर अपनी कालोनी के साथ ही शहर के कई कार्यक्रमों में अपने हाथों से मनीप्लांट का पौधा भेंट कर एक पौधा लगाकर पर्यावरण की रक्षा करने का अनुरोध करते हैं। श्री जौहर के साथ सुनील जैन भी उपस्थित थे।