जल संरक्षण में खंडवा देश में नंबर वन, “कैच द रेन” अभियान में रचा इतिहास

"कैच द रेन" भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय जल मिशन द्वारा शुरू किया गया एक राष्ट्रीय स्तर का जागरूकता और कार्यान्वयन अभियान है। इसका मुख्य उद्देश्य वर्षा जल संचयन और जल संरक्षण को बढ़ावा देना है। अभियान के तहत वर्षा जल का संरक्षण करने और स्थानीय स्तर पर जलस्रोतों को पुनर्जीवित करने पर जोर दिया जाता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “कैच द रेन” अभियान के तहत जल संरक्षण में खंडवा जिले ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय द्वारा जारी राष्ट्रीय रैंकिंग में खंडवा ने देशभर में पहला स्थान प्राप्त किया है और जल प्रबंधन के क्षेत्र में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है।

इस सफलता का श्रेय खंडवा कलेक्टर ऋषव गुप्ता और जिला पंचायत सीईओ डॉ. नागार्जुन बी. गौड़ा की कुशल नेतृत्वशैली और दूरदर्शी योजनाओं को जाता है। उनकी अगुवाई में जिला प्रशासन ने जल संरक्षण को एक जन आंदोलन का रूप दिया है।

“कैच द रेन” अभियान में खंडवा ने पाया पहला स्थान

“कैच द रेन” अभियान  के तहत जल संरक्षण की राष्ट्रीय रैंकिंग में पहला स्थान प्राप्त कर खंडवा जिले ने जो सफलता पाई है, उसने न सिर्फ जिले को गौरवान्वित किया बल्कि पूरे देश को जल संरक्षण के लिए प्रेरणा दी है। इससे साबित हुआ है कि प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण में जनभागीदारी और प्रशासनिक इच्छाशक्ति कैसे क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है। जिला कलेक्टर ऋषव गुप्ता और जिला पंचायत सीईओ डॉ. नागार्जुन बी. गौड़ा ने इस अभियान में प्रमुख भूमिका निभाई है। उनके कुशल नेतृत्व और दूरदर्शिता ने न जिले में सिर्फ जल संरक्षण की योजनाओं को ज़मीन पर उतारा, बल्कि ग्रामीण समुदायों, सामाजिक संस्थाओं और जनप्रतिनिधियों को भी इस अभियान से जोड़ा है।

जल संरक्षण बना जन आंदोलन

यह उपलब्धि सिर्फ सरकारी प्रयासों तक सीमित नहीं रही, बल्कि खंडवा जिले में जल संरक्षण एक जन आंदोलन बन गया है। गांव-गांव में तालाबों का पुनर्जीवन, चेकडैम निर्माण, वर्षा जल संचयन और सामूहिक श्रमदान के ज़रिए जलधारण क्षमता को बढ़ाया गया।डॉ. नागार्जुन बी. गौड़ा ने इस मौके पर कहा कि “खंडवा की जल संरचनाएं अब सतत जल प्रबंधन की मिसाल बन चुकी हैं। यह उपलब्धि दर्शाती है कि जब जनता और प्रशासन एकजुट हो जाएं, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है।” खंडवा को यह मान्यता ऐसे समय में मिली है जब भारत के कई हिस्से जल संकट से जूझ रहे हैं। यह सिद्ध करता है कि स्थानीय स्तर पर ठोस प्रयास, पारंपरिक ज्ञान और आधुनिक तकनीक के समन्वय से हर बूंद को सहेजा जा सकता है।

खंडवा से सुशील विधाणी की रिपोर्ट

Catch the Rain campaign India


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Shruty Kushwaha

Shruty Kushwaha

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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