खण्डवा, सुशील विधानी। कोरोना कर्फ्यू (Corona Curfew) के दौरान प्रशासन ने जहां आम आदमी के लिए शादियों (marriage) पर प्रतिबंध लगा रखा है, सड़कों पर निकलने तक पर पुलिस कार्रवाई कर रही है। वहीं प्रतिबंध के बावजूद विधायक के परिवार में विवाह का आयोजन भव्य स्तर पर किया जा रहा है। मामला विधायक ( MLA) का था इसलिए अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर शांति से सब रूकवाया और दो के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
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खण्डवा में शुक्रवार को प्रशासन के माथे पर तब बल पड़ गए जब मीडिया के दबाव के चलते उसे स्थानीय विधायक देवेंद्र वर्मा (MLA Devendra Verma) के परिवार में भव्य पैमाने पर आयोजित विवाह समारोह को रुकवाने जाना पड़ा। मामला सत्ताधारी दल के विधायक का था तो प्रशासन का लहजा भी बहुत नरम था। वहां मौजूद लोगों को समझाईश दी कई उन्हें टेन्ट आदि हटाने को निर्देशित किया गया और कार्यक्रम रुकवाने की बात कही गई। साथ ही इसी के साथ आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत टेंट वाले तथा लड़की के पिता पर मामला दर्ज किया गया है। बता दें कि हाल ही में प्रशासन ने विवाह समारोह को घर में सीमित लोगों की उपस्थिति में भी अनुमति देने से इंकार कर दिया था। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह तक ने इस समय शादियों को टालने की अपील प्रदेशवासियों से की थी। इधर ग्रामीण क्षेत्रों में कुछ गरीब आदिवासी परिवारों में जानकारी के अभाव में शादियां के आयोजन हुए तो पुलिस ने वहां पहुंचकर कार्रवाई की बल्कि जुर्माना भी भरवाया गया।
क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी के प्रमुख सदस्य है विधायक
अप्रैल माह में प्रशासन ने मात्र घर में बीस लोगों की उपस्थिति में विवाह की अनुमति दी थी, तो 15 मई को वैवाहिक कार्यक्रमों का आयोजन आगामी आदेश तक पूरी तरह प्रतिबंधित करने के आदेश जारी किए गए थे। लेकिन विधायक की भतीजी के विवाह में कितने लोग शामिल होते, इसका अंदाज वहां चल रही बड़े पैमाने की तैयारी से ही लगाया जा सकता है। हैरानी की बात यह है कि विवाह के जिस आमंत्रण पत्र में विनीत में विधायक का नाम है, उसमे परिजनों के ही 62 नाम छपे हुए है। जिसमें दर्शनाभिलाषी में 22 नाम, स्वागतातुर में 21, विनित में 8, ननिहाल पक्ष में 7 नाम है। इसके अलावा दूल्हा-दुल्हन और दुल्हन के माता-पिता को मिलाकर कुल 62 नाम हो रहे हैं। इसमें 18 तो चाचा -चाचियां, 8 बुआ-फूफा है। अभी इस सूचि में वर पक्ष, केटरर्स, हलवाई, टेंट वाला, लाईट वाला, फोटोग्राफर, पंडित, बैण्ड वालों की गिनती तो शामिल ही नहीं है। महत्वपूर्ण बात यह भी है कि विधायक वर्मा खण्डवा की क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी के प्रमुख सदस्य भी है जो अपने ही परिवार में प्रोटोकॉल का पालन करवाने में असफल रहे।