Sun, Dec 28, 2025

कुपोषण से मुकाबला: घर-घर चल रहा पोषण अभियान, दिया जा रहा Ready to Eat food

Written by:Gaurav Sharma
Published:
कुपोषण से मुकाबला: घर-घर चल रहा पोषण अभियान, दिया जा रहा Ready to Eat food

खंडवा, सुशील विधाणी। कुपोषण से लड़ने का सही तरीका पोषण ही है और इसका एकमात्र रास्ता है सही और संतुलित भोजन। जिले ने कुपोषण से लड़ने में काफी हद तक सफलता पा ली है और इसे पूरी तरह से खत्म करना एक मात्र मकसद है। सरकार सितंबर माह को पोषण माह के रूप में मना रही है।  इसी के तहत महिला बाल विकास विभाग द्वारा जिले के प्रत्येक आंगनवाड़ी केंद्रों पर पोषण मटके की शुरुआत की गई है। जिसके तहत आंगनवाड़ी केंद्रों पर पोषण मटका रखा जाएगा। जहां पर महिला बाल विकास विभाग द्वारा लोगों से अपील की जाएगी कि इस मटके में पोष्टिक खाद्य पदार्थ डाले जाए, जैसे गेहूं, चना, ज्वार, बाजरा, राजगिरा, मुगने की फली जैसे अनेक चीज लोग मटके में डाल सकते हैं। इसी खाद्य पौष्टिक तत्व से गर्भवती महिला कुपोषित बच्चे को पौष्टिक व्यंजन बनाकर दिए जाएंगे।

दिया जा रहा रेडी टू ईट फूड

कोरोना के नियंत्रण और रोकथाम के साथ-साथ छोटे बच्चों और गर्भवती, शिशुवती महिलाओं के पोषण स्तर को बनाये रखने के लिए भी सभी जरूरी इंतजांम कर लिए गये हैं। जिले की सभी गर्भवती और शिशुवती महिलाओं तथा छह महीने से लेकर छः साल तक के बच्चों को घर पहुंचाकर रेडी टू ईट पोषक आहार दिया जा रहा है। घर-घर जाकर हेल्दी रेडी-टू-ईट फूड के वितरण में जिले की लगभग ढाई हजार आंगनबाड़ी कार्यकर्ता काम पर लगी हैं। कोरोना से बचाव के लिए लोगों को बार-बार हाथ धोने, एक-एक मीटर की दूरी बनाये रखने और एक जगह इकट्ठा होकर भीड़ नहीं लगाने की समझाइश भी कार्यकर्ताओं द्वारा इस दौरान दी जा रही है। कार्यकर्ता कोरोना वायरस से बचाव के प्रति बच्चों और महिलाओं के साथ ग्रामीणों को भी जागरूक करने में पूरा सहयोग कर रही है।

कई सालों से खंडवा था कुपोषण में नंबर 1

इस नवाचार की शुरुआत खंडवा जिले में की गई है। यह जानकारी महिला बाल विकास विभाग की प्रमुख ने दी। प्रमुख अंशु वाला मसीह ने बताया कि पोषण मटका की शुरुआत हो गई है। अभी हमने कुछ ही दिनों में 547 अती कुपोषित गंभीर बच्चे चयनित किए है, उनका एएनएम आशा कार्यकर्ता, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर सर्वे कर रही है। बच्चे जो कुपोषित हैं उन्हें एनआरसी में भर्ती किया जा रहा है। खालवा में 141, पंधाना में 114, खंडवा में 201 बच्चे एनआरसी में भर्ती हैं। वही इनका इलाज चल रहा है। वहीं 90 बच्चे स्वस्थ हो गए हैं। हमारा उद्देश है कि जिले से कुपोषण दूर हो, इसी को लेकर लगातार प्रयास कर रहे हैं। अति कुपोषित बच्चों को स्वस्थ्य करना, किशोरी बालिकाएं और गर्भवती महिलाओं को पोस्टिक आहार उपलब्ध कराना यही पोषण अभियान का मिशन है। बता दें कि खंडवा जिले का खालवा कई वर्षों से कुपोषण में नंबर वन पर रहा है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग महिला बाल विकास विभाग की सार्थक पहल ने एक बड़े आंकड़े को कम किया है।

कुपोषण को हराने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों ने कसी कमर

दरअसल, पोषण अभियान ही असल में कुपोषण के खात्मे का जरिया बन सकता है, जिसके लिए खंडवा जिले के  प्रशासनिक अधिकारियों ने कमर कस ली है। महिला एवं बाल विकास विभाग के आंगनबाड़ी स्तर पर पोषण जागरूकता अभियान को जन आंदोलन बनाने का कार्य शुरू हुआ है, जिसमें पोषण माह के दौरान ग्रामीण स्तर पर घर-घर पोषण अभियान चलाने और जागरूकता कार्यक्रम की जानकारी दी  जा रही है । इस दौरान महिला बाल विकास विभाग खंडवा द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में और शहरी क्षेत्रों में महिलाओं को गर्भावस्था जांच एवं पोषण देखभाल, शीघ्र स्तनपान एवं केवल स्तनपान, सही समय पर आहार एवं इसकी निरंतरता आदि के विषय में प्रचार प्रसार लोगों के बीच जाकर किया जा रहा है । एनीमिया या शरीर में खून की कमी को दूर करने के लिए आयरन सेवन एवं खाद्य पदार्थों के बारे में जानकारी दी जा रही है। साथ ही 5 वर्ष तक के बच्चों की शारीरिक वृद्धि निगरानी एवं परिवार परामर्श तथा किशोरी शिक्षा पोषण शिक्षा का अधिकार सही उम्र में विवाह, सफाई एवं स्वच्छता एवं पोषण जागरूकता को लेकर जागरूक किया जा रहा है।