कोरोना संक्रमितों कि लगातार बढती संख्या के आगे प्रदेश का शासकीय स्वास्थ अमला असहाय नजर आ रहा है| शासकीय अस्पतालों में कोरोना संक्रमितों का इलाज किये जाने के साथ ही शासन द्वारा निजी अस्पतालों को भी कोविड 19 संक्रमितों का इलाज करने के लिए अधिकृत किया है| इसके लिए अस्पताल प्रबन्धन को जिला प्रशासन सहित स्वास्थ महकमे कि अनुमति लेना अनिवार्य होती है| उलेखनीय है कि शासन द्वारा क्षेत्र में इक्का दुक्का निजी अस्पतालों को कोरोना संक्रमितों का इलाज करने कि अनुमति दी गई है| इसके बावजूद शहर सहित क्षेत्र के लगभग प्रत्येक नर्सिंग होम में कोरोना से पीड़ित नागरिको का इलाज किया जा रहा है| वह भी अन्य मरीजों कि जान को खतरे में डाल कर| एक अनुमान के अनुसार क्षेत्र में 30 से अधिक निजी अस्पतालों में कोरोना का अवैधानिक तरीके से इलाज गली मोहल्लो में किया जा रहा है|
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ना वार्ड ना प्रशिक्षित स्टाफ
कोरोना संक्रमितों का उपाचार करने के लिए केन्द्रीय स्वास्थ मंत्रालय द्वारा गाईडलाइन जारी कि गई है| इसके अनुसार कोरोना मरीजो के लिए अलग वार्ड बनाया जाना आवश्यक है| जिसके साथ ही इलाज करने वाले स्टाफ के लिए पीपी किट पहनना अनिवार्य है| इसी प्रकार कोरोना वार्ड सहित अस्पताल कि ओपीडी जनरल वार्ड सहित पुरे अस्पताल परिसर को लगातार सेनेटाईज करने के निर्देश आवश्यक रूप से दिए गए है| इसके साथ ही कोरोना मरीजों का किसी के संपर्क में आना प्रतिबंधित किया गया है| केन्द्रीय स्वास्थ मंत्रालय द्वारा जारी कि गई गाईडलाइन कि स्थानीय निजी अस्पतालों में जमकर धज्जिया उधाई जा रही है| किसी भी अस्पताल में कोरोना मरीजों के लिए अलग वार्ड कि व्यवस्था कि गई है और ना ही इन अस्पतालों में प्रशिक्षित स्टाफ है मात्र मुह पर माक्स बाधकर अप्रशिक्षित स्वास्थ कर्मी कोरोना जैसी गंभीर महामारी से पीड़ित मरीजों का उपचार किया जा रहा है|
वर्जन
अनुकूल जैन, एसडीएम बडवाह ने कहा कि निजी अस्पतालों द्वारा बगैर अनुमति लिए कोरोना संक्रमितो का उपचार किये जाने की जानकारी मिली है| शीघ्र ही क्षेत्र सभी निजी अस्पतालों का आकस्मिक निरिक्षण करेगे|बिना अनुमति कोरोना संक्रमितों का इलाज करते कोई निजी अस्पताल पाया गया तो उसके खिलाफ कठोर वैधानिक कार्यवाही कि जाएगी|