मध्य प्रदेश (MP) भारत का दिल कहलाता है। यहां की संस्कृति, विरासत, इतिहास, पहनावा-उढ़ावा, परंपरा, खानपान इसे से बाकी सभी राज्यों से बेहद अलग बनाता है। यहां घूमने करने के लिए एक से बढ़कर हिल स्टेशन से लेकर धार्मिक स्थल है, जहां सालों भर पर्यटकों का आना-जाना लगा रहता है। यहां भारत की सबसे स्वच्छ नगरी हुई मौजूद है। इसके अलावा, राजधानी को बेगर मुक्त का अभियान चलाया जा रहा है। भोपाल में टूरिस्ट स्पॉट से लेकर अन्य बहुत सारी चीजें है। इसी कड़ी में एमपी के इस शहर को बड़ा तोहफा मिलने वाला है।
यहां घूमने के लिए एक से बढ़कर एक स्थान है, जिनमें कुछ झीलें भी शामिल हैं, जहां बड़ी संख्या में पर्यटक अपने फैमिली, फ्रेंड्स और पार्टनर के साथ टाइम स्पेंड करने के लिए पहुंचते हैं।
भोपाल (Bhopal)
झीलों की नगरी भोपाल ही इसकी पहचान है। इसका इतिहास और प्राकृतिक सुंदरता लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती है। लेकिन आज हम आपको यह बताएंगे कि भोपाल को आखिर झीलों की नगरी क्यों कहा जाता है और यहां कितने तालाब हैं। दरअसल, भोपाल में कुल 7 तालाब हैं, जिनमें पांच ऐतिहासिक हैं। सभी के पीछे अलग और रोचक इतिहास है। इन तालाबों की लिस्ट में बड़ा तालाब, छोटा तालाब, मोतिया तालाब, नवाब सिद्दीकी हसन तालाब, मुंशी हुसैन खान तालाब, लेंडिया झील और शाहपुरा लेक शामिल हैं।
एशिया का सबसे बड़ा तालाब
आपको यह जानकर हैरानी होगी कि भोपाल की अप्पर लेक यानी बड़ा तालाब एशिया का सबसे बड़ा तालाब कहा जाता है, जिसकी खूबसूरती देखने लायक है। यहां आने वाले पर्यटक मंत्रमुग्ध हो जाते हैं। इस तालाब के बीच में स्थित एक टापू इसकी खूबसूरती पर चार चांद लगाता है।
छोटा तालाब
वहीं, यदि छोटा तालाब की बात करें, तो यह बड़ा तालाब से सटा हुआ है। इसे निकली झील भी कहा जाता है। यह अपनी खूबसूरती के लिए प्रसिद्ध है। अमूमन बाहर से घूमने आने वाले पर्यटक यहां जरूर एक्सप्लोर करते हैं।





