राजधानी भोपाल के बावड़िया कलां चौक पर नई शराब दुकान खोले जाने को लेकर स्थानीय लोगों ने बड़ा विरोध प्रदर्शन किया, जिसके लिए वे सड़कों पर उतर आए। प्रदर्शनकारियों में महिलाएं, बुजुर्ग और युवा भी शामिल थे। रहवासियों का कहना है कि शराब की यह दुकान एक अस्पताल से मात्र 50 मीटर की दूरी पर है, जिससे मरीजों और उनके परिजनों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा। इसके अलावा, रहवासियों का कहना है कि आसपास कई मंदिर और कॉलोनियां भी स्थित हैं, जिससे धार्मिक और सामाजिक भावनाएं आहत होंगी।
इसीलिए महिलाओं, बुजुर्गों और युवाओं द्वारा विरोध प्रदर्शन किया गया। सड़कों पर उतरकर उन्होंने शराब की दुकान न खोले जाने की मांग की। रहवासियों ने आरोप लगाया है कि यह शराब की दुकान नियमों के खिलाफ खोली जा रही है और सरकार की नीति के मुताबिक इसे खोला नहीं जाना चाहिए।

सरकार के इन सभी नियमों का उल्लंघन किया जा रहा
रहवासियों का कहना है कि सरकार की नीति के अनुसार शराब की दुकान किसी भी धार्मिक स्थल, स्कूल, अस्पताल या रिहायशी इलाके से निश्चित दूरी पर होनी चाहिए। लेकिन बावड़िया कलां में खोली जा रही यह शराब की दुकान सरकार के इन सभी नियमों का उल्लंघन कर रही है। रहवासियों का कहना है कि जिस इलाके में यह दुकान खोली जा रही है, वह शांतिपूर्ण और परिवारों के रहने योग्य क्षेत्र है। ऐसे में इस दुकान के खुलने से यहां का माहौल बिगड़ सकता है और अपराध, असामाजिक गतिविधियों व शांति भंग होने का खतरा बढ़ सकता है।
विरोध प्रदर्शन में भारी संख्या में महिलाएं भी सड़क पर उतर आईं
यही वजह है कि इस विरोध प्रदर्शन में भारी संख्या में महिलाएं भी सड़क पर उतर आईं। उनका कहना है कि शराब की दुकान खुलने से महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा पर भी खतरा होगा। स्थानीय लोगों का कहना है कि सरकार ने कुछ समय पहले ही प्रदेश के धार्मिक शहरों में शराब की दुकानें बंद करने का फैसला किया था ताकि संस्कार और संस्कृति को बचाया जा सके। इसके अलावा, पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती भी शराबबंदी के समर्थन में कई आंदोलन कर चुकी हैं। ऐसे में इस इलाके में शराब की दुकान खोलना सरकार की मंशा और नियमों के भी खिलाफ है। रहवासियों ने इसे तुरंत हटाने की मांग की है और प्रशासन से जल्द से जल्द कार्रवाई करने को कहा है। इसके अलावा, यदि प्रशासन जल्द कार्रवाई नहीं करता है, तो वे बड़े आंदोलन करेंगे और जरूरत पड़ने पर कानूनी कदम भी उठाएंगे।