Lok Sabha Elections 2024: एक ओर लोकसभा चुनाव में मध्य प्रदेश की बीजेपी 29 में से 29 सीटों पर दम भर रही है वहीं इस बीच कांग्रेस लगातार इस बात को लेकर प्रयासरत भी है कि कैसे भी लोकसभा में कम से कम 10 सीटों पर विजय हासिल की जा सके। इसी बीच कांग्रेस ने कल अपनी सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। कांग्रेस अब तक कुल 24 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी है और मात्र 5 सीटों पर घोषणा बाकी है।
लेकिन इस वक्त चर्चा हो रही है मध्य प्रदेश की एक सबसे ज्यादा हॉट सीट की वह है गुना लोकसभा सीट। इस सीट पर कांग्रेस ने राव यादवेंद्र सिंह यादव को भाजपा के दिग्गज नेता और केंद्रीय उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ मैदान में उतारा है।
खास बात यह भी है कि गुना सीट पर कांग्रेस की तरफ से लड़ने वाला यह उम्मीदवार पुराना भाजपाई है और भाजपा की ओर से लड़ने वाला उम्मीदवार पुराना कांग्रेसी है।
आपको बता दें इस सीट पर पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के ही एक नेता ने भाजपा ज्वाइन कर ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ चुनाव लड़ा था, और न केवल चुनाव लड़ा था उन्हें हराया भी था। इस नेता का नाम था केपी यादव। लेकिन इस बार बीजेपी ने कृष्ण पाल सिंह यादव का टिकट काटकर ज्योतिरादित्य सिंधिया को इस सीट से मैदान में उतारा है और इसके बाद सिंधिया लगतार पूरे क्षेत्र में पूरी तरह से एक्टिव बने हुए हैं।
कौन है राव यादवेंद्र सिंह यादव
राव यादवेंद्र सिंह यादव अशोकनगर जिले के रहने वाले हैं, इनके पिता स्वर्गीय देशराज सिंह यादव इस क्षेत्र से विधायक रह चुके हैं। जिला पंचायत सदस्य का दायित्व निभा रहे राव यादवेंद्र सिंह का पूरा परिवार सक्रिय राजनीति में है। उनकी पत्नी जनपद सदस्य हैं, इनकी मां भी जनपद सदस्य है और उनके भाई जिला पंचायत सदस्य हैं। इतना ही नहीं उनके पिता भी दो बार सिंधिया के खिलाफ चुनावी मैदान में ताल ठोक चुके हैं।
राव यादवेंद्र सिंह शुरू से ही अपनी राजनीति में भारतीय जनता पार्टी के साथ शामिल रहे लेकिन साल 2023 के विधानसभा चुनाव के और पहले उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया। यादवेंद्र ने लोकसभा चुनाव में मुंगावली सीट से बृजेंद्र प्रताप सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ा जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। हालांकि हार को नज़रंदाज करते हुए एक बार फिर कांग्रेस ने उन पर भरोसा जताया है और उन्हें सिंधिया के खिलाफ लोकसभा के मैदान में उतारा है।
केंद्रीय मंत्री और जिला पंचायत सदस्य के बीच की यह लड़ाई निश्चित तौर पर या तो एक तरफ होगी या फिर बेहद ही रोमांचक होगी, क्योंकि इसी तरह की स्थिति जनता जनार्दन ने पिछले लोकसभा चुनाव में भी देखी थी लेकिन तब सिंधिया कांग्रेस में थे!