Sat, Dec 27, 2025

मध्य प्रदेश: आंगनवाड़ी केन्द्रों में 1 से 15 जून तक ग्रीष्मकालीन अवकाश, कार्यकर्ता-सहायिका रहेंगी सक्रिय ,विभाग ने जारी किए ये निर्देश

Written by:Pooja Khodani
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यह अवकाश केन्द्रों में नियमित रूप से आने वाले 3 से 6 आयु वर्ग के बच्चों एवं अन्य हितग्राहियों के लिए होगा।आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका की उपस्थिति इस अवधि में अनिवार्य रहेगी।
मध्य प्रदेश: आंगनवाड़ी केन्द्रों में 1 से 15 जून तक ग्रीष्मकालीन अवकाश, कार्यकर्ता-सहायिका रहेंगी सक्रिय ,विभाग ने जारी किए ये निर्देश

मध्य प्रदेश की आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए महत्वपूर्ण खबर है।आंगनवाड़ी केन्द्रों में आगामी 1 से 15 जून तक 15 दिवसीय ग्रीष्मकालीन अवकाश घोषित किया गया है। यह अवकाश केन्द्रों में नियमित रूप से आने वाले 3 से 6 आयु वर्ग के बच्चों एवं अन्य हितग्राहियों के लिए होगा।

आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका की उपस्थिति इस अवधि में अनिवार्य रहेगी।महिला बाल विकास विभाग द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार, यह अवधि आंगनवाड़ी केन्द्रों के रख-रखाव, दस्तावेज संधारण, वार्षिक सर्वेक्षण तथा पोषण संबंधित गतिविधियों के लिए निर्धारित की गई है। इस दौरान केन्द्रों में बच्चों के लिए नाश्ता एवं गर्म पका भोजन के स्थान पर रेडी टू ईट (RTE) भोज्य पदार्थ महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा वितरित किया जाएगा।

अवकाश अवधि में आंगनवाड़ी होंगी व्यवस्थित

10 से 15 जून के बीच होगी समीक्षा

भवन की सफाई, खेल सामग्री की व्यवस्था, रसोई व शौचालय की मरम्मत तथा पेयजल की बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।इसके अतिरिक्त रिकॉर्ड संधारण का कार्य किया जाएगा ।सम्पूर्ण उपकरणों एवं फर्नीचर का स्टॉक पंजीकरण, टेक होम राशन वितरण का विवरण, संपर्क एप्लिकेशन में डाटा अपलोडिंग की जायेगी।इस अवधि में वार्षिक सर्वेक्षण (AASR) भी किया जाएगा ।एक से 10 जून तक परिवार सर्वेक्षण एवं हितग्राही पहचान की जाएगी, जबकि 10 से 15 जून के मध्य अधिकारियों द्वारा समीक्षा की जाएगी।

पोषण वाटिका की तैयारी

बाउंड्रीवॉल युक्त केन्द्रों और कुपोषित बच्चों के घरों में पोषण वाटिका हेतु क्यारियाँ तैयार की जाएंगी। बीज व पौधों की व्यवस्था हेतु पंचायत से समन्वय किया जाएगा। स्वास्थ्य और पोषण परामर्श: टीकाकरण, C-MAM कार्यक्रम की निगरानी, पोषण परामर्श और गृह भेंट के माध्यम से कुपोषित बच्चों एवं महिलाओं तक सेवाएँ पहुंचाई जाएंगी। बाल विकास परियोजना अधिकारी एवं पर्यवेक्षकगण इस अवधि में दूरस्थ व सहयोग की आवश्यकता वाले केन्द्रों पर विशेष ध्यान देते हुए निरंतर निगरानी करेंगे। 16 जून 2025 को पुनः केन्द्रों में बच्चों एवं महिलाओं के स्वागत के साथ नियमित गतिविधियाँ प्रारंभ होंगी।