Sat, Dec 27, 2025

खंडहर हो गया एमपी के Kishore Kumar का गांगुली हाउस, इनके पास है प्रॉपर्टी की कमान

Written by:Ayushi Jain
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खंडहर हो गया एमपी के Kishore Kumar का गांगुली हाउस, इनके पास है प्रॉपर्टी की कमान

Kishore Kumar : मध्य प्रदेश पर्यटकों की पहली पसंद है। यहां घूमने आने वाले लोगों की संख्या काफी ज्यादा है। यहां कई सारे प्राकृतिक, ऐतिहासिक और धार्मिक धरोहरें है जहां लोग जाना पसंद करते हैं। इन्हीं में से एक जगह ऐसी है जहां सबसे ज्यादा लोग जाना और उसे बारे में जानना पसंद करते हैं। वो है भारतीय सिनेमा जगत के महान गायक किशोर कुमार का घर जो कि मध्यप्रदेश के खंडवा शहर में है। उनका घर 100 साल पुराना है। इतना ही नहीं ये अब खंडहर बन चुका हैं।

लेकिन अभी तक वो ऐसा का ऐसा ही है। इसे इतिहास की धरोहर के रूप में जाना जाता है। अब तक इस घर को खरीदने के लिए कई लोगों ने करोड़ों का सौदा भी किया था लेकिन विवाद के चलते कोई डील नहीं हो पाई। हालांकि इतिहास की दृष्टि से अनमोल इस घर की सरकार के लिए कोई कीमत नहीं हैं। क्योंकि सरकार इसके लिए कोई सुध नहीं ले रही हैं। दरअसल, किशोर कुमार के घर को म्यूजियम बनाने को लेकर कई बार मुद्दा संसद में भी उठाया जा चूका हैं। चलिए देखते है किशोर कुमार के घर की सूरत-

ऐसा हो चुका है Kishore Kumar का घर –

Kishore Kumar

आपको बता दे, खंडवा के बॉम्बे बाजार मेंगायक किशोर कुमार का घर मौजूद है। उनके घर के गरवाजे पर गौरीकुंज गांगुली हाउस लिखा हुआ है। इसी घर में किशोर कुमार और अनूप कुमार का जन्म हुआ था। वो बचपन से ही इसी घर में पले बढ़े है। यहीं उन्होंने खेले-कूदे, शिक्षा-दीक्षा की। यहां से जाने के बाद वह सीधा मुंबई चले गए। जहां उनकी अपनी अलग पहचान बनी।

7 हजार 200 वर्ग फीट में बना किशोर कुमार का यह ऐतिहासिक घर अब जर्जर होकर खंडहर बन चुका है। दीवारों पर सीलन आने के साथ दीमक और फफूंद भी लग चुकी हैं। इस घर में आज भी किशोर कुमार की तस्वीर लगी हुई है। 40 साल से घर की देखभाल कर रहे सीताराम भी हालात से परेशान हैं। घर के ऊपरी हिस्से में किशोर कुमार का कमरा है।

यहां पलंग, पूजा स्थल, अलमारी, किताबें, संगीत के कुछ यंत्र आज भी मौजूद है। इस मकान का 80 फीसदी मालिक किशोर कुमार के छोटे भाई अनूप कुमार के बेटे अर्जुन हैं। जबकि 20 फीसदी हिस्सा किशोर कुमार के बेटे अमित कुमार-सुमित कुमार के नाम है। बता दे, खंडवा में राज्य सरकार की पहल से 2 करोड़ की लागत सें किशोर कुमार की याद में गौरी कुंज सभागृह और समाधिस्थल बनवाया गया है।