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Thu, Dec 11, 2025

MP Tourism : 250 साल पुराना है मध्यप्रदेश का ये किला, जानें रोचक इतिहास

Written by:Ayushi Jain
MP Tourism : 250 साल पुराना है मध्यप्रदेश का ये किला, जानें रोचक इतिहास

MP Tourism : मध्यप्रदेश को देश का दिल कहा जाता है। ये सबसे खूबसूरत है यहां कई धार्मिक, प्राकृतिक और ऐतिहासिक स्थल मौजूद है। जहां हर साल हजारों पर्यटक घूमने के लिए आते हैं। इन दिनों मध्यप्रदेश पर्यटकों की पहली पसंद बना हुआ है। यहां आकर सभी खूबसूरत जगहों का दीदार करना पसंद कर रहे हैं।

आज हम आपको मध्यप्रदेश का वाराणसी कहलाए जाने वाले महेश्वर के प्रसिद्ध किले के बारे में सब कुछ बताने जा रहे हैं। अगर आप भी इतिहास जानने के लिए उत्सुक रहते हैं तो आज जानें ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल महेश्वर के किले का इतिहास।

आपको बता दे, महेश्वर भगवान शिव जी को समर्पित एक छोटा शहर है। नर्मदा नदी के तट पर महेश्वर स्थित है। यहां जाने के बाद आप वहां की खूबसूरती में डूब जाएंगे। महेश्वर प्राचीन में मालवा साम्राज्य की रानी अहिल्याबाई के होल्कर राज्य की राजधानी थी।

यहां कई इमारतों और सार्वजनिक कार्यों में मराठा वास्तुकला की झलक देखने को मिलती है। यहां का युगों पुराना इतिहास जानने के लिए दूर दूर से सैलानी आते हैं। रामायण में भी इसका उल्लेख किया गया है।

मराठा वास्तुकला का अद्भुद नमूना आपको यहां के किलों में देखने को मिल जाता है। महेश्वर के प्रमुख पर्यटक स्थल में शुमार है और पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। चलिए जानते हैं के किले का इतिहास –

MP Tourism : महेश्वर किले का इतिहास

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मध्य प्रदेश का महेश्वर किला 250 साल पुराना है। यहां देश ही नहीं विदेशों से भी पर्यटक आते हैं। महेश्वर में घूमने के लिए महेश्वर घाट के पास कालेश्वर, राजराजेश्वर, मिथिलेश्वर और अखिलेश्वर मंदिर मौजूद है। रामायण और महाभारत में महेश्वर को महिष्मति के नाम से संबोधित किया गया है।

आपको बता दें, ढाई सौ साल पुराना महेश्वर किला नर्मदा नदी के तट पर बना हुआ है। यहां के नजारे देखने लायक है। अब तक इस किले में कई फिल्मों की शूटिंग भी हो चुकी है। जैसे की पैडमैन, दबंग 3, मणिकर्णिका, बाजीराव मस्तानी जैसी फिल्मों के दृश्य यहां शूट किए गए है।

आपको बता दे, प्राचीन काल में ये शहर होल्कर राज्य की राजधानी हुआ करती थी। यहां रानी अहिल्याबाई होल्कर रहती थी। निमाड़ एवं महेश्वर का इतिहास लगभग 4500 वर्ष पुराना है। पहले इस शहर को माहिष्मती के नाम से जाना जाता था। यहां बने किले का निर्माण 18वीं सदी में किया गया था।

महेश्वर किले को अहिल्या क़िला भी कहा जाता है। किले के अंदर कई छतरियां मौजूद है। यहां शिव मंदिर भी है। ये देवी अहिल्याबाई का राज दरबार है। यहां के दृश्य देखने लायक है। ऐसा लगता है कि यहां आज भी देवी अहिल्याबाई सचमुच अपनी राजगद्दी पर बैठकर आज भी महेश्वर का शासन चला रही हैं।

महेश्वर किले की वास्तुकला देखने लायक है। आज भी इतनी सुन्दर कारीगरी, इतनी सुन्दर शिल्पकारी, इतना सुन्दर और मजबूत निर्माण की यह किला नया लगता है। आप यहां घूमने जा सकते हैं।