मंडला, सुधीर उपाध्याय
कोविड 19 के मरीजों से रोज मिलने वाले ऐसे अनेक लोग हैं जिन्होंने बीमारी के भय को त्यागकर मरीजों की सेवा और हौंसला बढ़ाना ही अपना धर्म बना लिया है। क्या दिन और क्या रात, अपने परिवार से दूर, संक्रमित मरीजों के बीच जूझने वाले इन वारियर्स के लिए धन्यवाद बहुत छोटा शब्द है। ऐसे ही एक वारियर हैं नंदलाल पटेल। बचपन से ही ग्रामीणों की समस्याओं के लिये प्रशासन से लड़ने वाले अब प्रशासन की ही “रीढ़ की हड्डी” बन गए हैं।
टिकरवारा गांव के जनपद सदस्य रह चुके ननंदलाल पटेल एक स्वास्थ्य कर्मी हैं। इस महामारी के दौरान प्रारम्भिक समय से ही कोविड केयर सेंटर में सपोर्ट कर्मचारी नंदलाल रोज पॉजिटिव मरीजों के बीच केवल अपना काम करते हैं बल्कि मरीजों को भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक संबल भी देते हैं। उनमें आत्मविश्वास बनाये रखने के लिए ये उनके साथ हंसी मजाक भी करते हैं और बातचीत के जरिए उनका हौंसला बढ़ाते हैं। इनका कहना है कि यह बीमारी बहुत गंभीर नहीं है लेकिन सतर्कता जरूरी है। सोशल डिस्टेंस, मास्क, और स्वच्छता आदि का ध्यान रख हम इससे बच सकते हैं। उन्होंने कहा कि प्रतिदिन मरीजों के पास जाने, दवा आदि देने के कारण अब उन्हें भय नहीं रह गया है लेकिन फिर भी हम लोग किट, ग्लव्स, मास्क को अपने जीवन का हिस्सा बना चुके हैं। अपने गांव से सें एक बुलावे पर सेंटर पहुंच जाने वाले नंदलाल कहते हैं ऐसे कई लोग हैं जिन्होंने अब मरीजो की सेवा को ही अपना लक्ष्य बना लिया है। नंदलाल एक नहीं बल्कि और भी हैं जो दिन रात इस महामारी का डटकर सामना कर रहे हैं इसलिए अपनी और इनकी सुरक्षा के लिए हम सभी को भी गाइडलाइन का पालन करना चाहिए।