मुख्यमंत्री के आदेश के बाद भी सूदखोरों का धड़ल्ले से चल रहा है व्यापार

कर्मचारियों

मन्दसौर, तरुण राठौर। शहर में इन दिनों सूदखोरों का ब्याज व्यापार खूब फल- फूल रहा है। ओर प्रशासन है कि इन मजबूर लोगो को इन सूदखोरों के चुंगल से नहीं बचापा रहा है। जिसके चलते सूदखोर जमकर ब्याज वसूल रहे है वह भी 10 से लेकर 20 परसेंट तक ओर गरीब व छोटे व्यपारी उनका कुछ भी नहीं कर पा रहे है। ओर इन सूदखोरों को दबाव में आकर मनमाना ब्याज चुका रहे है। ऐसे में उन्हें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhaan) के आदेश के बाद उम्मीद जगी थी कि अब इन सूदखोरों पर प्रशासन का डंडा चलेगा। पर ऐसा कुछ नहीं हुआ।

उल्टा प्रशासन इन सूदखोरों के सामने झुका नजर आया। जिसके चलते अब तक इन सूदखोरों पर कोई कार्यवाही नहीं हो पाई है। जबकि ये सूदखोर बेचारे गरीब व छोटे व्यापारियों को ब्याज लेने के नाम पर कानूनी कार्यवाही की धमकी देते है। और वह इन सूदखोरों से डर जाता है, क्योंकि वह इस कानूनी कार्यवाही के पचड़े में नहीं पड़ना चाहता है। जिसका फायदा ये सूदखोर खूब उठाते हैं। वैसे तो नगर में कई लोग है, जो लोगो को बिना लाइसेंस के ब्याज पर पैसे देते है। जिनमें से 15 से 20 लोग बड़े स्तर पर ब्याज देते है। ये लोग ब्याज के नाम पर लोगो से कोरे चेक व आधार कार्ड की काफी रखते है। जब पैसे लेने वाले लोग ब्याज नहीं देते है। तो कानूनी कार्यवाही करने नाम पर बैंक में चेक लगा देते है। जिससे की ये सूदखोर सरकार डंडे से अपनो को बचा सके, क्योंकि ये लोग सरकारी ब्याज को धता दिखते हुए ब्याज पर पैसा देते है। इसके लिए ये डायरी भी मेंटेन करते है। जिसमें ये सूदखोर मूल रुपए के साथ ब्याज को भी जोड़कर लिखकर लगते है। ऐसे में जो लोग इनसे एक बार पैसे लेता है वह जिंदगी भर के लिए कर्जदार बन जाता है। जीवनभर इन सूदखोर के चुंगल से नहीं बच पाता है।


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Pooja Khodani

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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)