कोरोना काल में जिला जज का मानवीय चेहरा आया सामने, बांछड़ा समुदाय के 25 परिवारों को बांटा 2 माह का राशन

Published on -

मंदसौर, गौरव त्रिपाठी। मंदसौर (Mandsaur) जिले में निवास करते बांछड़ा समुदाय (banchhada community) की महिलाओं द्वारा क्षेत्र में देहव्यापार का धंधा चलाया जाता है। लेकिन कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन (lockdown) ने इनकी भी आर्थिक स्थिति पर प्रहार किया है। ऐसे में मंगलवार को बांछड़ा समुदाय के करीब 25 परिवारों को एनजीओ की मदद से जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा राशन वितरित किया गया है।

यह भी पढ़ें…कोरोना से हुई मौतों का मामला पहुंचा हाईकोर्ट, जनहित याचिका दाखिल

मंगलवार को मंदसौर जिले में देहव्यापार करने वाले बांछड़ा समुदाय के परिवारों को प्रोजेक्ट मिशन मुक्ति कार्यक्रम और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मंदसौर द्वारा राशन किट वितरण की गई। जिले के पालियामारू, निरधारी और कोलवा के गांव में निवास कर देहव्यापार से घर चलाने वाले 25 परिवारों को दो माह का राशन दिया गया। कोरोना के कारण करीब 45 दिनों से लगे लॉकडाउन ने इन परिवारों को आर्थिक रूप से बहुत नुकसान पहुँचाया है। दरअसल इन परिवारों का घर देह व्यापार से ही चलता है। ऐसे में लम्बे वक्त से लगा लॉकडाउन इन्हें भी आर्थिक नुकसान देकर गया है। इनकी परेशानियों को समझते हुए एनजीओ और विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा इन्हें राशन के जरूरी सामनो के साथ दवाइयां भी वितरित की गई है। ताकि संकट के दौर में यह अपने परिवारों का पालन पोषण कर सके।

राशन किट वितरण करने पहुचे जिला न्यायाधीश विजय कुमार पांडे ने बांछड़ा समुदाय की महिलाओं व परिवारों को कोविड महामारी की गंभीरता बताई। इससे बचाव के तरीके बताये व वैक्सीन लगवाने की सलाह दी। साथ ही समुदाय के बेटों व बेटियों को अच्छी शिक्षा दिलवाने की हिदायत देते हुए देहव्यापार के दलदल से दूर रखने की नसीहत दी। समुदाय की महिलाओं ने एनजीओ और विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्य पर उनकी तारीफ करते हुए इसी तरह आगे भी मदद मिलने की उम्मीद जताई है।

दरअसल मंदसौर सहित आसपास के इलाकों में बांछड़ा समुदाय की महिलाएं बरसो से जिस्मफरोशी के दलदल में लिप्त है। जिले से निकलने वाले तमाम रोड़ो पर समुदाय के घर नज़र आते है। जो खुलेआम देह व्यापार का गोरख धंधा संचालित करते है। इस जगहों पर कई बार पुलिस पहुँचती है। लेकिन उन्हें कोई बड़ी कामयाबी हाथ नहीं लगती। फिलहाल कोरोना के कारण इनका कार्य ठप पड़ा हुआ है। ऐसे में इन्हें मिली यह छोटी सी मदद इनके लिए संजीवनी से कम नहीं है।

यह भी पढ़ें… माननीयों को शराबियों की है चिंता, 14 घंटे खुलेगी शराब की दुकानें


About Author

Harpreet Kaur

Other Latest News