मन्दसौर, तरुण राठौर। कोरोना संकट के बीच जहां जनता को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है वहीं विधुत विभाग के कारिंदे भी अपने कार्य से लोगो की परेशानी कम करने की जगह बड़ा रहे है। जिससे लोगो की परेशानी कम होने की जगह और अधिक बढ़ गई है। ऐसा ही एक मामला नगर के गांधी नगर में देखने को मिला। जहां किराए से रहने वाले कपिल नामक व्यक्ति जो एक छात्र है उसके कमरे का बन्द मीटर का बिल 3 हजार रुपए आया। जिसको देखकर वह हैरत में रह गया। कि ऐसा कितनी बिजली उसने जला ली जिसके कारण उसका इतना अधिक बिल आया है।जबकि उसके घर में एक पंखा व 2 बल्ब लगे हुए है।
जिसका वह दिन रात भी उपयोग करे तब भी उसका बिल इतना नहीं आ सकता है। वहीं वह मंदसौर विश्वविधालय में पढ़ता है। और दिनभर कॉलेज में रहता है। तो फिर कैसे उस छात्र के कमरे का बिल इतना आ सकता है। यह सोचने का विषय है। जब इसकी शिकायत विधुत विभाग में की तो उसकी सुनवाई नहीं हुई। उल्टा उसे यह कह कर भगा दिया कि तुमने इतनी बिजली यूस की है।इसी लिए तुम्हारा बिल इतना आया है जिससे तुम को भरना है। जब मीटर की जांच कराई तो पता चला की मीटर बन्द है और रीडिंग लिखनेवाला बन्द मीटर की रीडिंग ले गया है।
जिससे उसका बिल इतना आया है। पर विभाग के कारिंदे है कि वह अपनी गलती को मानने को राजी नही है। उल्टा वह किराएदार को दोषी बता रहे है। मीटर बन्द है तो आपको बताना चाहिए ना। जबकि नियम के अनुसार मीटर रीडर का काम है कि वह बताए की आपका मीटर बन्द है। इससे शिकायत कर चेंज कराए पर रीडर ने यह न करते हुए उल्टा बन्द मीटर की रीडिंग ले जाकर दे दी। उसी के आधार पर इस महा का बिल 3 हजार आ गया है। जो कि कमरे के किराए से भी अधिक है।