नीमच, कमलेश सारडा। अशांति, चरमपंथ,और भडकाऊ भाषण सांप्रदायिकता फैलाने के आरोप में रासुका के आरोपी गुलाम रसूल पठान एक तरफ जहां बरी हो गए वहीं दूसरी तरफ हाईकोर्ट ने उनके हक में फैसला सुनाते हुए रासुका को बेबुनियाद बताया और कहा की यह मानव अधिकार का उल्लंघन है।
यह भी पढ़ें…. मंदसौर में डिप्टी कलेक्टर के साथ मारपीट, सड़क किनारे होटल चलाने वाले दंपति ने पीटा
इसके साथ ही मंत्रणा बोर्ड ने भी इस कार्यवाही को गलत ठहराया। मंत्रणा बोर्ड के आदेश के बाद भी जब रासुका के आरोपी पठान को रिहा नही दिया तो हाईकोर्ट ने गुलाम रसूल पठान के पक्ष में फैसला सुनाते हुए 50 हजार का जुर्माना शासन पर ठोक दिया। इस मामले में दो याचिकाकर्ताओ ने हाईकोर्ट में अपील दायर की। जिसमें इंदौर के अख्तर खान और नीमच के गुलाम रसूल पठान है। दोनो ही रासुका के आरोपी थी और दोनो ही मामलो में कोर्ट ने 50-50 हजार का हर्जाना देने की बात कही है।