मंदसौर, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश के भाजपा विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया (BJP MLA Yashpal Singh Sisodia) द्वारा आईआरएस अधिकारी शशांक यादव (IRS officer Shashank Yadav) मामले की जांच सीबीआई (CBI) से कराने की मांग को भारत सरकार ने स्वीकार कर लिया है। भारत सरकार के कार्मिक लोक शिकायत एवं पेंशन विभाग ने मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव को लिख कर इसके लिए प्रदेश सरकार से अनुमति मांगी है।
जानकारी के अनुसार राजस्थान भ्रष्टाचार-रोधी ब्यूरो ने पिछले दिनों आईआरएस अधिकारी शशांक यादव को 16 लाख रुपये के साथ गिरफ्तार किया था इसके बाद मंदसौर के भाजपा विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया ने सीबीआई जांच की मांग की थी। विधायक ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को एक पत्र लिखा था और उसमें पकड़े गए अधिकारी पर मादक पदार्थ अधिनियम एनडीपीएस के तहत भी मामला दर्ज किए जाने की मांग की थी। विधायक के पत्र के बाद भारत सरकार के कार्मिक लोक शिकायत एवं पेंशन विभाग ने मध्य प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव ( Chief Secretary to Government of Madhya Pradesh) को पत्र लिखकर विधायक सिसोदिया की मांग के अनुसार सीबीआई जांच की अनुमति मांगी है।
विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र में लिखे पत्र में कहा था कि एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने नीमच और उत्तर प्रदेश की गाजीपुर अफीम अल्कलॉइड फैक्ट्री के जीएम शशांक यादव को गिरफ्तार किया है। ACB को प्रारंभिक जांच में पता चला था कि अफीम की गुणवत्ता टेस्टिंग में मार्फिन की ज्यादा मात्रा प्रमाणित किए जाने के एवज में शशांक यादव और उनके लोगों द्वारा 40 हजार किसानों से 3.2 अरब रुपये वसूले जाने थे, जबकि 6 हजार किसानों से 35 करोड़ रुपये वसूले जा चुके थे।
विधायक सिसोदिया ने वित्त मंत्री से तीन मांग करते हुए लिखा था कि मामले की सीबीआई से जांच कराई जाए, दूसरी मांग जब तक जांच चलती है तब तक इन्हें ना सिर्फ निलंबित किया जाए बल्कि यहां से हटाकर कहीं और अटैच किया जाए और तीसरी मांग यह है कि चूंकि अफीम की गुणवत्ता में हेराफेरी करने की एवज में रिश्वत दी गई, इसलिए इनके खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया जाए।
अब विधायक सिसोदिया की मांग पर भारत सरकार के कार्मिक लोक शिकायत एवं पेंशन विभाग ने प्रक्रिया को शुरू करते हुए मध्य प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव को पत्र भेजा और विधायक की मांग के अनुसार सीबीआई जांच कराए जाने की सहमति मांगी है।
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Atul Saxena
पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....
पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....