Mandsaur News : मध्यप्रदेश के मंदसौरवासियों को बड़ी सौगात मिली है। दरअसल, गांधीसागर बांध में सुपरवाइजरी कंट्रोल एंड डाटा एग्वीजिशन सिस्टम (स्काडा सिस्टम) शुरू हो गया है। जिससे अब केवल एक बटन दबाने की जरूरत है इसे दबाते ही गेट खुलने लगेंगे। चम्बल नदी जिसका जल गांधीसागर से राजस्थान के रावतभाटा स्थित जवाहर सागर, राणा प्रताप सागर बांध में भी जाता है, यहां भी स्काडा सिस्टम लग चुका है लेकिन अभी उपयोग शुरू नहीं हुआ है। बता दें कि गांधीसागर बांध में 19 गेट है। साथ ही, अलग से आधुनिक कंट्रोल रूम बनाया गया है लेकिन ऑनलाइन दर्ज करने का स्काडा सिस्टम लगाया जाना बाकी है।
कैसे काम करता है स्काडा?
लोगों के मन में ये जिज्ञासा होती कि आखिर स्काडा सिस्टम कार्य कैसे करता है। तो हम आपको बता दें कि नियंत्रण कक्ष के कंप्यूटर के बोर्ड से बटन दबाया जाता है, जिससे बांध के गेट खुल जाते हैं। इसके साथ ही, बांध में कितना पानी आ रहा है और गेटों से कितना पानी निकल चुका है, इसकी पल- पल की फोटो और मात्रा कंप्यूटर में दर्ज होती है। बांध की स्थिति को देखने के लिए नियंत्रण कक्ष में 80 इंच का एलईडी टीवी लगाया गया है। अभी तक बांध के गेट खोलने या बंद करने का काम इलेक्ट्रिकल और मैकेनिकल तरीके से मैनुअल होता है लेकिन स्काडा सिस्टम लगने के बाद गेट ऑटोमेशन के दायरे में आ गए हैं।
कार्यपालन यंत्री ने दी ये जानकारी
वहीं, गांधीसागर के कार्यपालन यंत्री एचके मालवीय ने बताया कि बांध के गेट खोलने के लिए कर्मचारियों को नहीं जाना पड़ेगा। न ही गेट खोलने के लिए एक घंटे इंतजार करना पड़ेगा। बस एक बटन दबाएंगे और गांधीसागर बांध के गेट खुल जाएंगे। चंबल नदी क्षेत्र में मंदसौर जिले का गांधीसागर पहला ऐसा बांध है जो स्काडा सिस्टम से जुड़ चुका है।
मंदसौर से राकेश धनोतिया/ कमलेश सारड़ा की रिपोर्ट