मंदसौर| मध्य प्रदेश के मंदसौर में मानवता की अनूठी मिसाल सामने आई| जहां एक बन्दर की मौत पर पूरा गाँव दुखी हुआ | इतना ही नहीं हिंदू मान्यता के अनुसार बंदर का अंतिम संस्कार किया गया और किसी इंसान की मौत के बाद उसकी शांति के लिए निभाई जाने वाली परम्परा बन्दर की मौत पर की गई| तीसरे पर लोगों ने मुंडन कराया और तेहरवीं पर बाकायदा भंडारा कराया| कार्यक्रम के आयोजकों का मानना है कि बंदर बजरंगबली का ही रूप है और मानव सभ्यता के इतिहास के मद्देनजर बंदर हमारे पूर्वज भी हैं|
दरअसल, मामला जिले के पिपलिया मंडी का है, जहां कुम्हार मोहल्ले में एक बंदर की करंट लगने से मौत हो गई थी| इसके बाद स्थानीय लोगों ने हिंदू मान्यता के अनुसार उसकी शव यात्रा निकालकर हिंदू रीति रिवाज से अंतिम संस्कार किया गया| इतना ही नहीं इसके बाद तीसरे और तेरहवीं भी रखी गई और तो और बंदर की शव यात्रा में कंधा देने वाले राधेश्याम ने अपना मुंडन तक करा दिया| तेहरवीं पर बाकायदा भंडारा कराया गया| इस भंडारे में लोगों ने भोजन ग्रहण किया और भजन भी गाये| आधुनिकता की चकाचौंध में मिटती संस्कृति, सभ्यता व घटती मानवता के दौर में यह नजारा सुकून पहुंचाता है|