मंदसौर, राकेश धनौतिया। जिले के प्रसिद्ध कालेश्वर महादेव मंदिर (Kaleshwar Mahadev Temple) के नाम से विख्यात साठखेड़ा गांव, जहां पर कोरोना (Covid-19) ने कई लोगों को जकड़ लिया। जिससे 20 से अधिक मौतें हो गई और गांव में मातम का माहौल छा गया। इसी बीच गांव के युवाओं ने बड़ी सोच और अपनी सूझबूझ के साथ कोविड समाधान केंद्र का गठन करके अपने गांव को बचाने का प्रयास किया। जिससे गांव में कोरोना मरीजों की संख्या में कमी आई है। साथ ही ग्रामीण कोरोना गाइडलाइन (Corona Guideline) का भी पालन करने लगे हैं। आज साठखेड़ा गांव के युवाओं की पूरे मंदसौर (Mandsaur) ही नहीं मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में जागरूकता के लिए सराहना हो रही है।
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मंदसौर जिले के गरोठ तहसील के साठखेड़ा गांव के युवाओं ने टीम बनाकर गांव में ही कोविड सेंटर चालू करके मिसाल पेश की। युवाओं ने गांव में अपने प्रयास से कोरोना से मुक्त करने को लेकर कोविड सेंटर चालू करने का बीड़ा उठाया। युवाओं ने चिंतन मनन करने के बाद एसडीएम श्री वर्मा से ग्राम में ही जन सहयोग से कोरोना केयर सेंटर खोलने के बारे में चर्चा की। एसडीएम ने तुरंत स्वीकृति देते हुए प्रशासन के द्वारा हर संभव मदद करने का भरोसा भी दिलाया। गांव के युवाओं ने मिलकर सबसे पहले गांव के लोगों का टेंपरेचर चेक किया, ऑक्सीमीटर के द्वारा उनकी पल्स नापी और जिन घरों में सर्दी जुकाम के मरीज हैं उन्हें आइसोलेट किया होम कोरोंटाइन किया और जिला चिकित्सालय से संपर्क करते हुए मेडिकल टीम के द्वारा रपीट टेस्ट और आरटी पीसीआर टेस्ट भी हुए। जिनके रिपोर्ट आने के बाद कई कोरोना मरीज सामने आये और गांव के युवाओं ने तुरंत मामले को संभालते हुए मरीजों को कोविड केयर सेंटर मे भर्ती किया गया। तो वहीं गंभीर मरीजों को गरोठ कोविड सेंटर पर शिफ्ट भी किया।
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युवाओं की इस पहल का सकारात्मक परिणाम यह निकला कि आज साठखेड़ा में बहुत कम मरीज आ रहे हैं और जनचेतना से एक ऐसा माहौल बन गया है कि गांव में सोशल डिस्टेंसिंग मास्क और सेनीटाइजर का उपयोग अनिवार्य रूप से होने लगा है। कोरोना मरीजो को प्रतिदिन समय पर नाश्ता, आयुर्वेदिक भाप, योग, मेडिसिन और समय-समय पर उनका ऑक्सीजन और टेंपरेचर चेक किया जाता है। मंदसौर के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ ओपी लाबाना जी के द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेसिंग करके सहायता लेकर उचित परामर्श भी लिया गया।