जुआ खेल रहे 9 व्यपारियों के कब्जे से मुरैना पुलिस ने 3 लाख 53 हज़ार रुपए किए बरामद

Gaurav Sharma
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मुरैना, संजय दीक्षित।  पुलिस अधीक्षक अनुराग सुजानिया, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डॉ हंसराज सिंह और सीएसपी प्रियंका मिश्रा के निर्देशन में जुआ,सट्टे पर अंकुश और फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए निर्देशित किया गया था।इसी निर्देशन में सिटी कोतवाली पुलिस ने शहर के हृदय स्थल जीवाजीगंज से बीती रात लाखों रुपए का जुआ पकड़ा हैं।

शहर के 9 से अधिक प्रतिष्ठित व्यापारियों के कब्जे से 3 लाख 53 हजार रुपये, ताश की गड्डी और 9 मोबाइल फोन भी पुलिस ने जब्त किये हैं। मुरैना कोतवाली क्षेत्र में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए एक बड़े जुए के अड्डे से 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस को मुखबिर द्वारा सूचना मिली थी कि जीवाजीगंज इलाके में अविनाश अग्रवाल के घर में जुए का अड्डा चल रहा हैं, लेकिन शहर की प्रतिष्ठित व्यापारी होने के कारण पुलिस दबिश नहीं दे पा रही थी।

मुखबिर की सूचना पर जब पुलिस ने दबिश दी तो करीब 9 आरोपी जुआ खेल रहे थे।पुलिस के पहुंचने पर जुआरियों में भगदड़ मच गई। जानकारी के अनुसार ये सभी आरोपी शहर के बड़े व्यापारी हैं, जो पिछले काफी समय से यहां पर जुआ खेलने पहुंच रहे थे। इन पकड़े गए जुआरियों में से मुरैना शहर के प्रतिष्ठित व्यापारी और समाजसेवी लोग भी हैं। यह सब सफेद नकाबपोश होने के कारण पुलिस यहां कार्रवाई नहीं कर पा रही थी।

ये भी कह सकते हैं कि इन व्यापारियों को राजनीतिक संरक्षण भी प्राप्त रहता है। सूत्रों की मानें तो अविनाश अग्रवाल के यहां क्रिकेट मैच का सट्टे की सबसे बडी गद्दी भी चलती है।राजनेतिक सरंक्षण प्राप्त होने के कारण पुलिस अभी तक कार्रवाई करने से दूर भागती रही।

वहीं इस पूरे मामले में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डॉ हंसराज सिंह का कहना हैं कि कोतवाली थाना प्रभारी रामवीर सैंथिया ने मुखबिर की सूचना से मय फ़ोर्स के टीआर गांधी स्कूल के बगल में दबिश दी तो करीब 9 लोग जुआ खेल रहे थे।आरोपियों के कब्जे से 1 ताश की गड्डी,3 लाख 53 हज़ार रुपए और मोबाइल जब्त किए गए हैं। जुआ खेल रहे आरोपियों में बंटी, रामकुमार गुप्ता,राजकुमार गुप्ता,संजय अग्रवाल,अजय कुमार,नितिन गर्ग,प्रमोद शिवहरे,श्याम अग्रवाल और जितेंद्र अग्रवाल के नाम शामिल है।पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ जुआ एक्ट की कार्रवाई की हैं।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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