भाजपा सरकार ने आचार संहिता लगने से पूर्व स्थानांतरण उद्योग चलाया हैं- बसपा प्रत्याशी राजौरिया

Gaurav Sharma
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मुरैना, संजय दीक्षित। विधानसभा क्षेत्र मुरैना से उप चुनाव के बसपा प्रत्याशी रामप्रकाश राजौरिया ने गोकुल गार्डन स्थित अपने चुनाव कार्यालय पर मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि एक बार पुन: बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्षा बहन मायावती ने मुझ पर विश्वास जताते हुये मुझे बसपा का उम्मीदवार बनाया है। उन्होंने कहा कि जनता ने वर्ष 2013 में मुझे भरपूर प्यार व आशीर्वाद दिया था। विधानसभा क्षेत्र की समस्त जनता भगवान स्वरूप है और एक बार पुन: भगवान का आशीर्वाद जरूर मिलेगा।

राजौरिया ने कहा कि वर्तमान समय में खनन माफिया के साथ-साथ राजनैतिक माफिया भी पूरी तरह से सक्रिय है, जब तक माफियाओं का खुलकर विरोध नहीं किया जायेगा, वे इसी प्रकार की हरकतें करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि जनता ने जिस विश्वास के साथ अपना प्रतिनिधि चुनकर विधानसभा में भेजा था, इन्होंने जनता के विश्वास को तोडा बल्कि राजनैतिक माफियाओं के साथ मिलकर विश्वास को बेचा है। उन्होंने यह भी कहा कि जिस व्यक्ति के इशारे पर उन्होंने जनता के बोट को बेचने का कार्य किया है उसके लिये यह कोई नया कार्य नहीं है। आजादी से पूर्व उनके पूर्वजों ने भी झांसी की रानी के साथ गद्दारी की थी। अब जनता ऐसे गद्दारों को सबक जरूर सिखायेगी। राजौरिया ने कहा कि जनता के आशीर्वाद यदि मैं विधानसभा में पहुंचा तो इन माफियाओं के विरूद्ध सबाल उठाऊंगा। बहुजन समाज पार्टी संघर्ष से बनी है और हम अपनी बात डॉ. भीमराव अम्बेडकर के संविधान अनुसार संवैधानिक तरीके से उठाते रहे हैं।

दलबदलू के प्रश्न पर राजौरिया ने कहा कि मैं अपने घर वापिस आया हॅूं, उन्होंने उदाहरण देते हुये कहा कि यदि कोई बच्चा रूठ जाये तो उसे अपने घर वापिस आने का पूरा अधिकार है। 15 साल की भाजपा सरकार का शासन हो या 15 माह का कांग्रेस का शासन दोनों की ही सत्ता के दौरान माफियाओं को हौंसले बुलंद रहे। रेत और पत्थर के माफिया लोगों को सरेआम कुचल कर मारते रहे है, इन पर प्रशासन अंकुश नहीं लगा पाया है। उन्होंने कहा कि वे सुप्रीम कोर्ट से मांग करेंगे कि रेत और पत्थर पर रॉयल्टी लागू की जाये जिससे आम लोगों का जीवन बचाया जा सके। दोनों ही सरकार के कार्यकाल को लेकर कहा कि जब कांग्रेस सत्ता में आई तो उन्होंने सिर्फ स्थानांतरण उद्योग की चलाया और वही कार्य आचार संहिता लगने से पूर्व तक भाजपा सरकार ने किया। जनता की सुबिधा और जनता के सुख से इनका कोई बास्ता नहीं है। भाजपा के पिछले कार्यकाल के दौरान नगर में सीबर कार्य आरंभ हुआ था जो अब तक पूर्ण नहीं जो पूर्ण रूप से असफल है और यह निश्चित मानिये कि अगले 15 वर्ष तक यह पूर्ण नहीं होगा। राजौरिया ने कहा कि यदि जनता द्वारा चुनकर विधानसभा में गये तो मुरैना की जनता की आवाज को विधानसभा में जरूर उठायेंगे। उन्होंने कहा कि मैं ऐसा कोई चुनावी वायदा तो नहीं करता किन्तु एक वायदा करता है कि जनता मेरे लिये भगवान है और मैं उनके चरणों की धूल हॅूंं। इस अवसर पर बसपा के कई कार्यकर्ता उपस्थित थे।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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