देश का पहला मामला, कब्र से निकाला गया पोस्टमार्टम के लिए काजल किन्नर का शव

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मुरैना, संजय दीक्षित। देश में पहला मामला ऐसा होगा जब एक किन्नर के शव को कब्र से खोदकर  पोस्टमार्टम के लिए ग्वालियर भेजा गया हो। अम्बाह थाना क्षेत्र के कस्बे में चार दिन पूर्व काजल किन्नर की मौत के मामले ने एक बार फिर से तूल पकड़ लिया हैं। नेहा किन्नर काजल की शिष्य रही राबिया पर हत्या के शक की आशंका जतायी हैं। जब कि राबिया का कहना है कि वह पूरी तरह निर्दोष है। जब कि यह मामला बीती 4 तारीख का है।

अम्बाह में रहने वाली काजल किन्नर जो कि पहले से ही गंभीर बीमारी से ग्रसित थी उसका बीमारी के चलते निधन हो गया था। काजल की मौत के बाद राबिया और आसपास के लोगों ने शव को घर के अंदर ही रीति रिवाज के साथ दफना दिया था, जैसे ही इस बात की सूचना अम्बाह सीट से विधायक का चुनाव लड़ चुकी नेहा किन्नर को लगी तो नेहा किन्नर ने काजल के साथ रहने वाली राबिया पर काजल की हत्या कर शव को दफनाने का आरोप लगाया हैं।


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।