Lokayukta Action : 15,000 रुपये की रिश्वत लेते पटवारी गिरफ्तार, ये है पूरा मामला

Atul Saxena
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Gwalior Lokayukta Action : ग्वालियर लोकायुक्त पुलिस ने मुरैना में एक कार्रवाई करते हुए पटवारी को 15,000/- रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया है, आरोपी पटवारी आवेदक से ऑनलाइन नामांतरण करने के बदले रिश्वत ले रहा था।

Lokayukta Action : 15,000 रुपये की रिश्वत लेते पटवारी गिरफ्तार, ये है पूरा मामला

मुरैना के आवेदक ने ग्वालियर लोकायुक्त एसपी कार्यालय में की थी शिकायत 

ग्वालियर लोकायुक्त पुलिस एसपी रामेश्वर यादव ने जानकारी देते हुए बताया कि मुरैना जिले की जौरा तहसील के ग्राम ग्राम गलेथा, हवेली का पुरा निवासी केंद्र सिंह सिकरवार ने एक शिकायती आवेदन कार्यालय में दिया था जिसमें पटवारी द्वारा रिश्वत मांगे जाने की शिकायत की गई थी।

आवेदक की जमीन का ऑनलाइन नामांतरण करने के बदले पटवारी ने मांगी रिश्वत 

आवेदक ने लिखा कि उसने जौरा तहसील के हल्का नंबर 93 के पटवारी सुरेश बंजारा को उसकी जमीन का ऑनलाइन नामांतरण करने का आवेदन दिया था लेकिन पटवारी ने इसके बदले 15 हजार रुपये की रिश्वत की मांग की, लोकायुक्त पुलिस ने आवेदन की जाँच के लिए आवेदक को एक रिकॉर्डर दिया जिसमें रिश्वत मांगे जाने का प्रमाण लोकायुक्त को मिल गया।

ग्वालियर लोकायुक्त पुलिस का ट्रेप दल आज सुबह हुआ रवाना 

रिश्वत मांगे जाने का प्रमाण मिलने के बाद ग्वालियर लोकायुक्त से एक टीम ट्रेप के लिए मुरैना रवाना हुई , टीम में DSP विनोद सिंह कुशवाह, DSP राघवेन्द्र ऋषिश्वर, इंस्पेक्टर आराधना डेविस, सहित अन्य अधिकारी शामिल थे, आरोपी पटवारी सुरेश बंजारा ने आवेदक केंद्र सिंह को रिश्वत की राशि के साथ अपने घर पर ही बुलाया था।

पटवारी को उसके घर से 15 हजार रुपये की रिश्वत लेते किया गिरफ्तार 

आज सोमवार को निर्धारित समय पर ग्वालियर लोकायुक्त पुलिस टीम का ट्रेप दल नवोदय कॉलोनी मुरैना पहुंचा , आवेदक को आरोपी पटवारी के घर में भेजा और उसने रिश्वत की राशि 15,000/- रुपये पटवारी सुरेश बंजारा को देने के बाद जैसे ही इशारा किया ट्रेप दल ने पटवारी के घर छापा मरकर उसे रंगे हाथ पकड लिया और रिश्वत की राशि बरामद कर ली।

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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