मुरैना, नितेंद्र शर्मा। शुक्रवार से पूरे प्रदेश में शाम 6 बजे से सोमवार सुबह 6 बजे तक लॉकडाउन लागू हो गया है। इस दौरान मेडिकल सेवाओं को छोड़कर सभी व्यापारिक प्रतिष्ठानों को बंद करवा दिया गया है। लेकिन मुरैना में 6 बजे के बाद भी शराब के ठेके खुले रहे और पुलिस व प्रशासन की इनकी तरफ नजर शायद ही नहीं गई। नजर क्या नहीं गई, एक दुकान पर तो बाकायदा पुलिसकर्मी डंडा लिये खड़े नजर आ रहे हैं। ऐसा लगता है कि उन्हें शायद खबर ही नहीं कि प्रदेश में लॉकडाउन शुरू हो चुका है और शराब की दुकान को भी इस दौरान बंद कराना है।
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क्या शराब के ठेके भी मेडिकल सेवाओं की तरह अत्यावश्यक सेवाओं में शुमार कर लिये गए हैं। मुरैना में तो कुछ ऐसा ही लग रहा है क्योंकि प्रदेशभर में 60 घंटे का लॉकडाउन शुरू हो जाने के बावजूद यहां शराब के ठेके खुले नजर आए। इतना ही नहीं, इन ठेकों पर भारी भीड़ देखी गई, और तो और तस्वीरों में एक हवलदार भी हाथ में डंडा लेकर दुकान पर खड़ा नजर आ रहा है। इससे तो यही लगता है कि शायद कोरोना जैसी महामारी या तो शराब के ठेकों पर आने से डरती है या फिर शराब के सेवन से कोरोना खत्म हो सकता है। इस तरह लॉकडाउन के दौरान भी खुल्लम-खुल्ला शराब की बिक्री कई सवाल खड़े कर रही है। बंद में जहां आम जनता रोजमर्रा की जरूरतों की चीजें के लिए परेशान होती नजर आती है, यहां धड़ल्ले से शराब बिक रही है और इतना ही नहीं, दुकान पर एक पुलिसकर्मी भी नजर आ रहा है। लॉकडाउन में शराब बिक्री की ये तस्वीर कहीं न कहीं प्रशासन की लापरवाही को भी उजाकर करती दिख रही है।