मुरैना : गौ सेवकों ने आक्रोशित होकर जिला कलेक्टर को दिया ज्ञापन।

Amit Sengar
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मुरैना,नितेंद्र शर्मा। जिले में गोवंश की दुर्दशा को लेकर आज गौ सेवकों ने मुरैना कलेक्टर को अपना ज्ञापन सौंपा परंतु हमेशा की तरह कलेक्टर बी कार्तिकेयन जनता से रूबरू नहीं हुए तहसीलदार सर्वेश यादव के द्वारा कलेक्टर साहब को ज्ञापन पहुंचाया गया।

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मुरैना में गौ सेवकों का आरोप है की गोवंश की देखभाल में लापरवाही बढ़ती जा रही है ठंड के मौसम में अभी कुछ ही समय पहले लगभग कुछ 200 गायों के करीब गौशाला में मृत पाई गई कारण था ठंड, अगर प्रशासन गोवंश के लिए पर्याप्त अलाव का प्रबंध कर देता तो जो जो गाय मरी शायद वह बच जाती गौसेवकों का आरोप है की गोवंश के लिए समय पर पशु चिकित्सक भी उपलब्ध नहीं कराए जाते जिससे कई गोवंश बीमारी का शिकार होकर बेकार हो जाते हैं या मर मर जाते हैं सड़कों पर घूम रहे आवारा गोवंश की तरफ प्रशासन का ध्यान नहीं है इन आवारा गोवंश ओं से आम जनता को तो नुकसान होता ही है कई बार आपस में लड़ते हुए कई गोवंश या तो चोटिल हो जाते हैं या मर जाते हैं सरकार की तरफ से इनको चोटिल होने के बाद या मरने के बाद ले जाने की व्यवस्था एंबुलेंस से की गई परंतु वह एंबुलेंस भी तकरीबन 2 साल से कबाड़ में पड़ी हुई है जिसके कारण इनको जेसीबी मशीनों से उठाना पड़ता है कई बार कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा इन गोवंश पर एसिड फेंकने का मामला भी सामने आया है जिसमें की यह गोवंश बुरी तरीके से चोटिल हो जाते हैं और समय पर इलाज ना मिलने के कारण मर जाते हैं।

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प्रशासन द्वारा कई गौशालाओं का लाखों रुपए लगाकर निर्माण तो करवाया गया परंतु ना तो उसमें आवारा गायों को रखा जा रहा है और ना ही सरकार द्वारा गोवंश के चारे के लिए भेजे गए पैसे से उन्हें चारा उपलब्ध कराया जा रहा है मुरैना शहर में हालात कुछ ऐसे बन गए हैं के हर गली मोहल्ले में सांड खुले घूम रहे हैं और कभी भी किसी को भी चोटिल कर देते हैं।


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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