मुरैना, नितेंद्र शर्मा। चम्बल अंचल के मुरैना (Morena) के एक गांव से रिश्तों को तार तार करने वाली एक ऐसी खबर आई है जिसे आप तक पहुंचाते हमारा रोम रोम कांप रहा है। समझ में नहीं आ रहा कि समाज में कैसे कुछ लोगों ने पैशाचिक प्रवृत्ति अपना ली है कि उन्हें अपनी बेटी की उम्र की नाबालिग मासूम में देवी का चेहरा दिखाई नहीं देता और वो उसकी आबरू लूटने पर उतारू हो जाते हैं। लेकिन क्या करें हमारा काम ही ये है कि खबर कैसी भी हो आप तक पहुंचानी तो है जिससे ऐसे चेहरे बेनकाब हो सकें।
मुरैना (Morena) जिले की कैलारस तहसील के वार्ड नंबर 10 में रहने वाली 16 साल की मासूम को क्या मालूम था कि रविवार की शाम उसके जीवन में उस कलयुगी हकीकत को सामने लकर आएगी जिसकी उसे समझ भी नहीं है। लेकिन जो इंद्री उसे ईश्वर ने दी है उससे उसे इतना जरूर समझ में आता है कि किसी का स्पर्श कितना पवित्र है और कितना अपवित्र। हुआ भी यही। जिस दुकानदार अंकल ने उसे पैदा होने के बाद से बड़ा होते देखा है उसके पास वो बिना किसी भय के निश्छल भाव के साथ सामान लेने जाती थी। रविवार को भी शाम साढ़े सात बजे बच्ची गुड़, चावल और सर्फ़ की थैली लेने गई। दुकानदार बंटी अग्रवाल ने मासूम को चावल दे दिए और कहा सर्फ़ गुड़ अंदर कट्टे में रखा है टांड पर से उतरवा लो।