एमपी विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को झटका, पूर्व विधायक ने छोड़ा साथ, भाजपा ज्वाइन की

Atul Saxena
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Morena News :  ग्वालियर चम्बल संभाग में खुद को बहुत मजबूत बता रही कोंग्रेस को विधानसभा चुनावों से पहले एक झटका लगा है, पूर्व विधायक और पार्टी के नेता सत्यप्रकाश सखवार ने आज कांग्रेस छोड़ दी और भाजपा को ज्वाइन कर लिया, सखवार ने पिछला चुनाव बीएसपी के टिकट पर लड़ा था लेकिन हार गए थे उसके बाद उन्होंने कांग्रेस ज्वाइन कर ली थी लेकिन कुछ साल में ही उनका कांग्रेस से मोहभंग हो गया।

पागल कुत्ते द्वारा काटे जाने से काफी सुर्खियों में रहे हैं पूर्व विधायक 

मध्य प्रदेश में जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव का समय पास आता जा रहे है नेताओं में हलचल तेज हो गई है, पूर्व में रहे विधायकों और उनके परिजनों ने अब पार्टियां बदलना शुरू कर दिया है, अभी हाल ही में मुरैना के पूर्व विधायक सोवरन मावई के बेटे प्रबल प्रताप सिंह मावई ने चार दिन पहले बसपा छोड़कर कांग्रेस की सदस्यता ली थी और आज एक नया मामला अंबाह के पूर्व विधायक सत्यप्रकाश सखवार का आया है, जिन्होंने कांग्रेस को झटका देते हुए भाजपा की सदस्यता ले ली है। आपको बता दें यह वही विधायक है जो पिछले दिनों अपने क्षेत्र में एक पागल कुत्ते द्वारा काटे जाने से काफी सुर्खियों में बने रहे।

2013 में बसपा के टिकट पर बने थे विधायक, पिछला चुनाव हारे 

पूर्व में सत्यप्रकाश सखवार बसपा के टिकट पर अंबाह विधानसभा से तीन बार 2008, 2013 और 2018 में चुनाव लड़ चुके हैं, जिसमें से एक बार 2013 में वह 11307 वोट से जीते थे। सत्यप्रकाश सखबार को कुल 49307 वोट मिले थे। उस समय सत्यप्रकाश सखवार ने भाजपा के मंत्री बंशीलाल जाटव को हराया था। लेकिन सत्यप्रकाश सखवार 2018 का विधानसभा चुनाव बुरी तरह हारे और चौथे नंबर पर रहे थे। अपनी हार का पार्टी को कारण मानते हुए 2 साल‌ बाद बसपा को छोड़कर कांग्रेस में चले गए, तीन साल में ही पूर्व विधायक सत्यप्रकाश का कांग्रेस से मोहभंग हो गया और आज मंगलवार को भोपाल में प्रदेश कार्यालय पर भाजपा की सदस्यता ले ली।

अभी और नेताओं की निगाहें दूसरी पार्टियों पर 

पूर्व विधायक सत्यप्रकाश सखवार ने जिस तरह चौकाया है, वैसे ही अभिनव उर्फ मोंटी छारी जो पहले भाजपा में थे परंतु निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अभी अंबाह विधानसभा क्षेत्र में बने हुए हैं। मोंटी छारी का रुख कांग्रेस की ओर दिखाई देने लगा है और वह कभी भी कांग्रेस की सदस्यता कभी भी ले सकते हैं। 12 मई को अंबाह में पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ की सभा होनी थी जो स्थगित होकर जौरा हो गई, कमल नाथ की सभा के लिए मोंटी छारी ने पूरी तैयारी कर रखी थी, लेकिन कमल नाथ का अंबाह दौरा स्थगित हो गया।

अब देखना यह है कि जितने भी यह पूर्व विधायक हैं जो कि अपनी पार्टियों को छोड़ छोड़ कर नई पार्टियों में जा रहे हैं क्या इसका असर इनके विधानसभा चुनाव पर पड़ेगा या फिर स्थिति जो इनकी वर्तमान में है जस की तस बनी रहेगी।

 

मुरैना से नितेंद्र शर्मा की रिपोर्ट 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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