जब एक ऊंट ने रोकी शताब्दी एक्स्प्रेस, दो घंटे खड़ी रही चम्बल के बीहड़ में, कई ट्रेन प्रभावित

Atul Saxena
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मुरैना, नितेंद्र शर्मा।  सुपरफास्ट शताब्दी एक्सप्रेस (Shatabdi Express) को आज एक ऊंट ने रोक लिया और वो भोपाल पहुँचते पहुँचते लेट हो गई।  दरअसल नई दिल्ली से चली शताब्दी एक्सप्रेस धौलपुर स्टेशन से जैसे ही निकली  और चम्बल के बीहड़ में पहुंची  उससे एक ऊंट टकरा गया। ऊंट इंजन के बादलगे ब्रेक एवं जनरेटर कार में फंस गया जिसके चलते ट्रेन को जंगल में ही रोकना पड़ा।  जिसके कारण इस रूट पर चलने वाली कई ट्रेन लेट हो गई।

जब एक ऊंट ने रोकी शताब्दी एक्स्प्रेस, दो घंटे खड़ी रही चम्बल के बीहड़ में, कई ट्रेन प्रभावित

जानकारी के अनुसार नई दिल्ली से चलकर रानी कमलापति रेलवे स्टेशन भोपाल जाने वाली सुपर फास्ट शताब्दी एक्सप्रेस आज शनिवार सुबह जब धौलपुर स्टेशन से निकलकर चंबल के बीहड़ों में पहुंची तब वहां रेल की पटरी पर एक ऊंट ट्रेन से टकरा गया। ट्रेन की टक्कर होते ही ड्राइवर ने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन को रोका।

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ड्राइवर और दूसरे स्टाफ ने नीचे उतारकर देखा तो एक ऊंट ट्रेन के ब्रेक एवं जनरेटर कार के नीचे फंसा हुआ था और उसकी मौत हो गई थी। स्टाफ ने स्थानीय लोगों और सरायछोला थाना पुलिस की मदद से ऊंट के शव को बहुत मुश्किल से अलग किया। ग्वालियर रेलवे स्टेशन को इस घटना की सूचना दी गई और शताब्दी के लिए दूसरा इंजन डिमांड किया गया। इस दौरान करीब दो घंटे तक शताब्दी एक्सप्रेस चम्बल के बीहड़ में खड़ी रही।

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ग्वालियर से दूसरा इंजन आने के बाद शताब्दी एक्सप्रेस को रवाना किया गया, इस दौरान पंजाबमेल, छत्तीसगढ़, मंगला, ताज, खजुराहो इंटरसिटी सहित आधा दर्जन रेल गाडिय़ां हुई प्रभावित हो गई। ये सभी गाड़ियां लगभग एक घंटे से लेकर साढ़े चार घंटे तक लेट हुई। अच्छी बात ये रही कि ड्राइवर की सूझबूझ से एक बड़ा हादसा टल गया।

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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