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Fri, Dec 12, 2025

MP में विकास के 2 साल: केन-बेतवा लिंक से सोलर पावर तक, CM मोहन यादव ने गिनाईं सरकार की उपलब्धियां

Written by:Ankita Chourdia
मुख्यमंत्री ने सरकार के दो साल पूरे होने पर ऊर्जा, उद्योग और जल संसाधन के क्षेत्र में हुए कार्यों का ब्यौरा दिया। उन्होंने बताया कि कैसे सोलर प्रोजेक्ट्स और नदी जोड़ो अभियान से प्रदेश की अर्थव्यवस्था को नई गति मिली है।

मध्य प्रदेश में डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार ने अपने कार्यकाल के दो वर्ष पूर्ण कर लिए हैं। इस अवसर पर भोपाल में आयोजित एक प्रेस वार्ता में मुख्यमंत्री ने प्रदेश के विकास का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया। उन्होंने विशेष रूप से ऊर्जा, उद्योग और जल संसाधन के क्षेत्रों में हुए बदलावों को रेखांकित करते हुए कहा कि इन तीनों सेक्टर में एक साथ काम करके प्रदेश की अर्थव्यवस्था और बुनियादी ढांचे को मजबूत किया गया है।

मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि किसी भी राज्य के विकास के लिए सस्ती बिजली, उद्योगों के लिए बेहतर माहौल और जल संसाधनों का सही प्रबंधन सबसे जरूरी है। उन्होंने कहा कि “हमारी सरकार ने पिछले दो वर्षों में इसी विजन के साथ काम किया है।”

ऊर्जा क्षेत्र: सोलर और वेस्ट-टू-एनर्जी पर फोकस

सीएम डॉ. मोहन यादव ने ऊर्जा के क्षेत्र में सरकार की उपलब्धियों को गिनाते हुए नवीकरणीय ऊर्जा (Renewable Energy) के क्षेत्र में उठाए गए कदमों पर विशेष जोर दिया। उन्होंने बताया कि ओंकारेश्वर, नीमच और मुरैना में बड़े सोलर पावर प्रोजेक्ट्स स्थापित किए गए हैं। इन परियोजनाओं की सफलता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अब मध्य प्रदेश न केवल अपनी जरूरतों को पूरा कर रहा है, बल्कि पड़ोसी राज्यों को भी बिजली आपूर्ति कर रहा है।

इसके अलावा, सरकार ‘वेस्ट टू एनर्जी’ मॉडल को भी बढ़ावा दे रही है। कचरे और पराली से बिजली बनाने की परियोजनाएं शुरू की गई हैं, जो पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ ऊर्जा की मांग को पूरा करने में सहायक हैं। सीएम ने यह भी कहा कि प्रदेश में देश की सबसे सस्ती बिजली उपलब्ध कराने के प्रयास लगातार जारी हैं।

उद्योग: नई नीतियों से बढ़ा निवेशकों का भरोसा

औद्योगिक विकास पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में निवेश को आकर्षित करने के लिए नई औद्योगिक नीतियां लागू की गई हैं। भोपाल में पहली बार ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया गया, जिससे बड़े पैमाने पर निवेश के प्रस्ताव मिले। इसके साथ ही, अलग-अलग क्षेत्रों में आयोजित रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव ने भी निवेश की गति को बढ़ाया है।

जमीनी स्तर पर किए गए कार्यों का उल्लेख करते हुए उन्होंने बताया कि निवाड़ी जैसे छोटे जिलों में स्टील प्लांट और झाबुआ में खाद निर्माण इकाइयां शुरू हुई हैं। वहीं, नीमच में पंप स्टोरेज परियोजना, धार में पीएम मित्र पार्क और विक्रम उद्योगपुरी में फार्मा उद्योगों की शुरुआत को उन्होंने अपनी सरकार की बड़ी उपलब्धि बताया। सरकार ने उद्योगों को जमीन, कनेक्टिविटी और बिजली देने की प्रक्रियाओं को सरल बनाया है, जिससे निवेशकों का भरोसा बढ़ा है।

जल संसाधन: नदी जोड़ो अभियान से बदलेगी तस्वीर

जल प्रबंधन को सरकार की प्राथमिकता बताते हुए डॉ. यादव ने कहा कि राष्ट्रीय नदी जोड़ो परियोजना के तहत केन-बेतवा लिंक परियोजना पर तेजी से काम हो रहा है। इसके अलावा पार्वती-कालीसिंध-चंबल परियोजना और ताप्ती मेगा ग्राउंड वाटर रिचार्ज परियोजना को भी आगे बढ़ाया गया है।

इन परियोजनाओं का सीधा लाभ सिंचाई, पेयजल और बिजली उत्पादन में मिलेगा। मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार का लक्ष्य आने वाले वर्षों में करोड़ों हेक्टेयर कृषि भूमि को सिंचाई की सुविधा से जोड़ना है। सूक्ष्म सिंचाई योजनाओं और जल संरक्षण के जरिए जल प्रबंधन को मजबूत किया जा रहा है।

“ऊर्जा, उद्योग और जल संसाधन के क्षेत्रों में हुए समन्वित प्रयासों से मध्यप्रदेश में विकास की मजबूत नींव पड़ी है। राज्य सरकार इन क्षेत्रों को आपस में जोड़कर प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में आगे बढ़ रही है।” — डॉ. मोहन यादव, मुख्यमंत्री

अंत में मुख्यमंत्री ने कहा कि बड़े धार्मिक आयोजनों और भविष्य की शहरी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए जल संसाधनों की एक दीर्घकालीन योजना तैयार की गई है, ताकि विकास की गति निर्बाध रूप से जारी रहे।