भोपाल: मध्य प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था एक बार फिर सवालों के घेरे में है। ग्वालियर और भिंड के दो बड़े सरकारी अस्पतालों में सीनियर डॉक्टरों पर महिला कर्मचारियों ने छेड़छाड़ के गंभीर आरोप लगाए हैं, जिससे हड़कंप मच गया है। दोनों ही मामलों में पुलिस ने शिकायत के आधार पर जांच शुरू कर दी है।
भिंड: सिविल सर्जन पर घर बुलाकर छेड़छाड़ का आरोप
भिंड जिला अस्पताल में महिला सुरक्षा गार्ड ने सिविल सर्जन डॉ. आर.के. मिश्रा पर संगीन आरोप लगाए हैं। महिला ने कोतवाली में दर्ज कराई अपनी शिकायत में कहा है कि वह अस्पताल की आउटसोर्स सिक्योरिटी एजेंसी बदलवाने के लिए सिविल सर्जन से अनुमति चाहती थी।
शिकायत के मुताबिक, इसी सिलसिले में डॉ. मिश्रा ने 25 अक्टूबर को उसे फोन करके अपने घर बुलाया, जहां उन्होंने कथित तौर पर उसके साथ छेड़छाड़ की। पीड़िता का पति दिल्ली में नौकरी करता है। उसके लौटने के बाद मंगलवार को अस्पताल में इस मुद्दे पर हंगामा हुआ, जिसके बाद महिला ने पुलिस में लिखित शिकायत दर्ज कराई।
वहीं, सिविल सर्जन डॉ. आर.के. मिश्रा ने इन सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया है। उन्होंने अपनी सफाई में कहा, “महिला को ऑफिस बुलाया गया था, लेकिन वह घर पर आई। सभी आरोप पूरी तरह निराधार हैं।” पुलिस ने मामले को संवेदनशील बताते हुए तकनीकी जांच और दोनों पक्षों से पूछताछ शुरू कर दी है।
ग्वालियर: अधीक्षक और सर्जन के खिलाफ नर्स ने की शिकायत
दूसरा मामला ग्वालियर के सुपर स्पेशलिटी अस्पताल का है। यहां न्यूरोलॉजी विभाग में काम करने वाली एक नर्स ने अस्पताल के अधीक्षक डॉ. गिरजा शंकर गुप्ता और एक सर्जन डॉ. यादव पर छेड़छाड़ और धमकी देने का आरोप लगाया है।
पीड़िता के अनुसार, जब वह किसी काम से मेडिकल सुपरिंटेंडेंट के पास गई, तो डॉक्टर ने उसका हाथ पकड़ लिया। नर्स ने जब इसका विरोध किया तो उसे कथित तौर पर नौकरी से बाहर निकालने की धमकी दी गई। इस घटना के बाद पीड़िता ने पुलिस से संपर्क किया।
थाना प्रभारी अमर सिंह सिकरवार ने मामले की पुष्टि की है।
“पीड़िता की शिकायत पर दोनों डॉक्टरों के खिलाफ छेड़छाड़ का केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।” — अमर सिंह सिकरवार, थाना प्रभारी
अस्पताल प्रशासन ने भी मामले को गंभीरता से लेते हुए विभागीय जांच शुरू करने की बात कही है।
वर्किंग कल्पचर पर उठे सवाल, जांच जारी
इन दोनों घटनाओं ने सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में महिला कर्मचारियों की सुरक्षा और कार्यस्थल की संस्कृति पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रशासन का कहना है कि पुलिस जांच पूरी होने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल, दोनों मामलों में किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। पुलिस दोनों घटनाओं की गहनता से जांच कर रही है।





