मध्य प्रदेश में विवादों में घिरे आईएएस अधिकारी संतोष वर्मा के खिलाफ राज्य सरकार जल्द ही बड़ी कार्रवाई कर सकती है। ब्राह्मण समाज की महिलाओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के बाद से सुर्खियों में आए वर्मा की मुश्किलें अब और बढ़ने वाली हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उनके आईएएस बनने की प्रक्रिया में कथित फर्जीवाड़े की जांच के संकेत दिए हैं।
रविवार शाम को उपमुख्यमंत्री डॉ. राजेंद्र शुक्ल के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की। इस दौरान प्रतिनिधिमंडल ने संतोष वर्मा के खिलाफ गंभीर आरोप लगाते हुए दस्तावेज सौंपे। मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया है कि सरकार इस मामले को गंभीरता से लेगी और जल्द ही जांच के आदेश जारी किए जा सकते हैं।
फर्जीवाड़े की फाइल फिर खुलेगी
2012 बैच के आईएएस अधिकारी संतोष वर्मा पर आरोप है कि उन्होंने आईएएस अवार्ड प्राप्त करने के लिए फर्जी दस्तावेजों का सहारा लिया। आरोपों के मुताबिक, उनके खिलाफ एक महिला द्वारा दर्ज कराए गए केस में उन्होंने न्यायालय के नाम पर दो कूट रचित (फर्जी) आदेश तैयार करवाए। इन्हीं फर्जी आदेशों के आधार पर उन्होंने आईएएस पद हासिल किया।
बाद में हुई जांच में यह खुलासा हुआ था कि वे आदेश फर्जी थे और असल मामला न्यायालय में लंबित था। इस मामले में एफआईआर दर्ज होने के बाद वर्मा को जेल भी जाना पड़ा था और वे सेवा से निलंबित भी रहे थे। अब सरकार इस पुरानी फाइल को दोबारा खोलकर सख्त कार्रवाई करने की तैयारी में है।
दिग्गज नेताओं ने की सीएम से मुलाकात
रविवार को मुख्यमंत्री निवास पर पहुंचे प्रतिनिधिमंडल में भाजपा के कई वरिष्ठ नेता शामिल थे। इनमें पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी, विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष सीता शरण शर्मा, वरिष्ठ नेता गोपाल भार्गव, रघुनंदन शर्मा और भोपाल सांसद आलोक शर्मा प्रमुख रूप से मौजूद रहे।
करीब 45 मिनट तक चली इस बैठक में नेताओं ने बिंदुवार तरीके से संतोष वर्मा द्वारा किए गए कथित फर्जीवाड़े की जानकारी मुख्यमंत्री को दी। उन्होंने बताया कि कैसे एक अधिकारी ने नियम-कायदों को ताक पर रखकर पद हासिल किया।
समाज में भारी आक्रोश
हाल ही में भोपाल के अंबेडकर पार्क में संतोष वर्मा ने ब्राह्मण समाज की महिलाओं के खिलाफ कथित तौर पर अपमानजनक टिप्पणी की थी। इस बयान के बाद से पूरे प्रदेश में उनके खिलाफ जनाक्रोश है। अलग-अलग स्थानों पर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के लिए प्रदर्शन और धरने दिए जा रहे हैं।
प्रतिनिधिमंडल की बातों को गंभीरता से सुनते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि जल्द ही वर्मा की फाइल खुलवाई जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि फर्जीवाड़े पर सरकार कठोर कार्रवाई करेगी, ताकि भविष्य में कोई भी अधिकारी इस तरह का कृत्य करने का साहस न कर सके।





