भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (MP) में बाल विवाह को रोकने के लिए कई तरह के प्रयास सरकार द्वारा लगातार किए जा रहे हैं। अभी सरकार देवउठनी एकादशी पर बाल विवाह रोकथाम के लिए गांव के बच्चों की लिस्ट बना कर तैयार कर रही है। ऐसे में 18 साल से कम उम्र वाली बालिकाओं और 21 साल से कम उम्र वाले बालकों की लिस्ट बनाई जा रही है। ऐसे में जन्म प्रमाण पत्र, अंकसूची की मदद से बच्चों का डाटा निकाल कर लिस्ट तैयार कर रहे हैं। अधिकारीयों का कहना है कि अगर कम उम्र के बच्चों का डाटा हमारे पास रहेगा तो बाल विवाह नहीं हो पाएंगे।
अगर हो भी रहे होंगे तो उन्हें तुरंत रोक दिया जा सकेगा। इसके लिए महिला एवं बाल विकास संचालनालय के संचालक डा. रामराव भोंसले ने सभी जिलों के कलेक्टर को आदेश जारी कर दिए गए। जैसा की आप सभी जानते हैं देवउठनी एकादशी से शादियों के मुहूर्त शुरू होने वाले हैं। ऐसे में अब बाल विवाह भी शुरू हो जाएंगे। लेकिन सरकार ऐसा नहीं होने देना चाहती है। इसलिए इसकी रोकथाम के लिए अभी से ही तैयारियां करना शुरू कर दी है। इतना ही नहीं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएं घर-घर जाकर जन्म से संबंधित दस्तावेज देखकर बालक एवं बालिकाओं की लिस्ट बनाएँगे।
ऐसे में शिक्षक, एएनएम, आशा कार्यकर्ता, स्व-सहायता समूह की सदस्य, शौर्यादल की सदस्य, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका, मातृ सहयोगिनी समिति, सरपंच, पंच और पंचायत सचिव इस कार्य के लिए शामिल रहेंगे। वहीं सभी जिलों के कलेक्टर से कहा गया है कि जिला और विकास खंड स्तर पर प्रिंटिंग प्रेस, हलवाई, केटर, धर्मगुरु, बैंड वाले, परिवहनकर्ता, समाज प्रमुखों और जनप्रतिनिधियों की कार्यशाला आयोजित की जाए। ऐसे में अगर बाल विवाह होगा तो उसको रोकने के लिए अपील की जाएगी। साथ ही ग्राम, विकासखंड और जिला स्तर पर बाल विवाह नहीं हो उसके लिए टीम तैयार की जाएगी जो सभी गाँव में जा कर परीक्षण करेंगे और बच्चों की सूचि बनाएँगे।