MP News: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में अब 29 हजार पेड़ों को काटकर विधायकों और मंत्रियों के लिए बनाए जा रहे नए आवासों की योजना को वापस ले लिया गया है। बता दें कि बीते कई दिनों से पेड़ काटने को लेकर विरोध चल रहा है। जिसके बाद प्रदेश की सरकार ने पेड़ों को नहीं काटने का फैसला लिया है। इस बात की जानकारी नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने सोशल मीडिया के माध्यम से दी है।
कैलाश विजयवर्गीय का सोशल मीडिया पोस्ट
नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि “नये भोपाल के पुनर्घनत्वीकरण योजना के पर्यावरण संरक्षण एवं क्षेत्र में विद्यमान वृक्षों को देखते हुए प्रस्तुत प्रस्ताव को संपूर्ण विचारोपरांत अस्वीकृत कर अन्य वैकल्पिक स्थानों के परीक्षण के निर्देश दिये गये है। नवीन प्रस्ताव हेतु प्रारंभिक स्तर पर भी नागरिकों एवं जनप्रतिनिधियों से विचार विमर्श भी किया जाएगा।”
क्या है योजना?
बता दें कि प्रदेश सरकार ने मंत्रियों और विधायकों के नए आवास बनाने के लिए 2,378 करोड़ रुपये की योजना लेकर आयी थी। इस योजना के तहत तुलसी नगर और शिवाजी नगर की 297 एकड़ जमीन पर मंत्री-विधायक और अफसरों के लिए बंगले फ्लैट बनाए जाना तय था। योजना के मुताबिक मंत्रियों के लिए 30 बंगले, 16 फ्लैट और 230 विधायकों के लिए फ्लैट बनाए जाएंगे। इसके साथ ही 3480 अफसरों के लिए बंगले और मकान भी बनाए जाने थे। इसी योजना के लिए 29 हजार पेड़ों का काटा या शिफ्ट किया जाना है, जिसका विरोध चल रहा था।
लगातार हो रहा था विरोध
29 हजार पेड़ों को काटकर विधायक और मंत्रियों के लिए नए आवासों को बनाने के लिए योजना बनाई गई थी। जिसके बाद से ही योजना के लिए पेड़ काटने को लेकर विरोध शुरु हुआ था। जिसे देखते हुए इस योजना को वापस ले लिया गया है। बता दें कि इस योजना का विरोध ना सिर्फ आम लोग कर रहे हैं बल्कि कई विधायक और मंत्री भी इसमें शामिल हैं।