सीहोर ,अनुराग शर्मा। महाशिवरात्रि पर्व (Mahashivaratri festival) में अब कुछ ही दिन बचे हैं। कहते है की भोले बाबा की पूजा-आराधना करने आपको मनचाहे फल की प्राप्ति हो सकती है। इसी कड़ी में हम आपको एक 300-400 साल पुराने शिवलिंग (Shivling) के बारे में बताएंगे जिसकी एक बार पूजा करने पर आपको 1008 वार पूजा का फल मिलता है।
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सीहोरपौराणिक नगरी सिद्धपुर के शिव मंदिरों (Shiva temples) की ख्याति देशभर में रही है। पार्वती नदी (Parvati River) का संबंध भी शिव महिमा से जुड़ा हुआ है। शिवना के किनारे 108 शिव मंदिरों का जिक्र होता रहा है। शहर के बडिय़ाखेड़ी में सबसे पुराना शिवालय स्थित है। जिसे सहस्त्रलिंगेश्वर के नाम से जाना जाता है। यहां एक शिवलिंग में एक हजार शिवलिंग समाहित हैं। मंदिर के पुजारी सुरेश शर्मा बताते हैं कि इस समय धर्म की गंगा बह रही है। प्राचीन और आस्था के केन्द्र शिव मंदिरों में इस समय विशेष पूजा-अर्चना का दौर शुरू हो गया है। सहस्त्रलिंगेश्वर मंदिर करीब 300 से 400 साल पुराना है। सहस्त्रलिंगेश्वर की प्रतिमा सीवन नदी (Sivan River) से निकली थी। इसी कारण सीवन नदी के किनारे सहस्त्रलिंगेश्वर का मंदिर बना दिया गया। इस मंदिर की ख्याति पूरे देश में है। और देशभर के श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए आते हैं।
महाशिवरात्रि पर होगा विशेष श्रृंगार
पुजारी ने बताया की शिवरात्रि पर्व पर यहां विशेष रूप से शिवलिंग का श्रृंगार किया जाता है। सुबह से रात तक भजनमान्यता होती है। महाशिवरात्रि का दिन महाशुभ होता है इसलिए इस दिन से विभिन्न शुभ कार्य की शुरुआत की जाती है। भगवान शंकर के जन्मदिवस के रूप में मनाए जाने वाला धार्मिक पर्व ‘महाशिवरात्रि’ पर्व को लेकर अभी से उत्साह देखा जा रहा है। सहस्त्रलिंगेश्वर महादेव मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहेगा। इसके साथ ही शिवभक्तों का भोले के अभिषेक का सिलसिला चलेगा। मंदिर पुजारी सुरेश शर्मा कहते हैं कि महाशिवरात्रि पर भगवान सहस्त्रलिंगेश्वर के अभिषेक के बाद भव्य श्रृंगार किया जाएगा।
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