MP News: मध्य प्रदेश में एक बार फिर कांग्रेस को एक बड़ा झटका लगा है। दरअसल लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण से पहले सागर से कांग्रेस विधायक निर्मला सप्रे ने अब बीजेपी का दामन थाम लिया है। वहीं पार्टी बदलने को लेकर जो वजह सामने आई है उसे लेकर अब प्रदेश में चर्चा हो रही हैं। दरअसल इसकी वजह खुद विधायक निर्मला सप्रे ने बताई हैं।
दरअसल एमपी ब्रेकिंग न्यूज़ के एडिटर इन चीफ वीरेंद्र शर्मा से खास बातचीत में उन्होंने इस बात का खुलसा किया है। उन्होंने कहा है कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने जिस प्रकार से महिला विरोधी और अभद्र भाषा का उपयोग किया है इससे निराश होकर उन्होंने भाजपा का दामन थामा हैं। इसके साथ ही इस खास बातचीत में उन्होंने कई बड़े खुलासे किए हैं।

ये बताई पार्टी छोड़ने की वजह:
एमपी ब्रेकिंग से खास बातचीत करते हुए निर्मला सप्रे ने बताया कि ‘जिस तरह से प्रदेश कांग्रेस पार्टी के मुखिया जीतू पटवारी द्वारा अनुसूचित जाति की महिला के लिए रसमलाई और अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया यह बेहद निंदनीय है। मैं भी एक अनुसूचित जाति की महिला हूँ इस प्रकार की बयानबाजी से निराश हूँ।’ इसके साथ ही बातचीत के दौरान निर्मला सप्रे ने कहा कि मैंने अपने क्षेत्र में विकास की लहर को आगे बढ़ाया है। लेकिन पिछले कुछ समय से सनातन विरोधी भाषा का इस्तेमाल किया जा रहा है जिससे मैं निराश हूँ।
❌जीतू पटवारी का महिला विरोधी बयान बना कांग्रेस छोङने का कारण…❌
🪷बीना विधायक निर्मला सप्रे ने जतायी मोहन सरकार में आस्था…🪷
❌☎️दिल्ली वाले फोन नहीं उठाते…📱❌
📽️देखें वीरेंद्र शर्मा की खास बातचीत निर्मला सप्रे के साथ…🗣️@DrMohanYadav51 @JansamparkMP @BJP4MP @INCMP… pic.twitter.com/6xo4eXLrcN
— MP Breaking News (@mpbreakingnews) May 5, 2024
जताया मोहन सरकार में भरोसा:
दरअसल इसी दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री मोहन यादव पर भी भरोसा जताया और कहा कि मुख्यमंत्री मोहन यादव कि सरकार में महिलाओं के विकास के लिए कई योजनाए लाई गई हैं, इसके साथ ही विकास की कई योजनाए प्रदेश के सभी इलाकों में पहुंची है। आपको बता दें कि सागर जिले की कांग्रेस की एक मात्र सीट बौना विधानसभा सीट थी लेकिन अब कांग्रेस को उससे भी हाथ धोना पड़ा है।
आलाकमान नहीं उठता फोन:
दरअसल निर्मला सप्रे ने कहा की सनातन विरोधी और महिलाओं विरोधी बयानबाजी को लेकर मैंने कई बार शिकायत की है लेकिन कांग्रेस के उच्च स्तर पर बैठे नेतागण फोन नहीं उठाते हैं। इसे लेकर हमने कहा भी था की अगर आप विधायक का फोन नहीं उठाओगे तो कैसे विधानसभा में विकास के कार्य होंगे।