MP News : रायसेन जिले की एक शराब फैक्ट्री में बाल श्रम के मामले में रायसेन कलेक्टर अरविंद दुबे ने बयान दिया है कि शराब फैक्ट्री में बाल श्रम की घटना के बाद बच्चों का मेडिकल डॉक्टर की उच्च देखरेख में चल रहा है। कल देर शाम तक कार्रवाई जारी थी, लेकिन रात होने के चलते सभी बच्चे अपने पैरेंट्स के साथ चले गए थे। आज फिर सभी 39 बच्चे वापस आ गए हैं और उनसे पूछताछ की जा रही है।
क्या कार्रवाई चल रही है?
दरअसल इस मामले पर कलेक्टर अरविंद दुबे ने बताया कि पुलिस ने कल एक FIR दर्ज की है। इसके अलावा लेबर डिपार्टमेंट के अधिकारी और औद्योगिक सुरक्षा के अधिकारी भी जांच में लगे हुए हैं। जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
क्या है पूरा मामला?
जानकारी दे दें कि राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने मध्य प्रदेश दौरे के दौरान रायसेन में शराब फैक्ट्री पर छापा मारा। शिकायत मिली थी कि इस फैक्ट्री में मासूम बच्चों से काम कराया जा रहा है। छापेमारी के दौरान पाया गया कि 50 से अधिक बच्चे, जिनमें 20 लड़कियाँ भी शामिल थीं, शराब बनाने का काम कर रहे थे। वहीं रसायनों के संपर्क में रहने से कई बच्चों के हाथ की चमड़ी जल चुकी है। बच्चों को रेस्क्यू कर प्रशासन के हवाले कर दिया गया था, लेकिन बाद में बच्चे गायब हो गए।
आबकारी विभाग की भूमिका:
दरअसल यह फैक्ट्री सरकार के आबकारी विभाग की देखरेख में संचालित होती है और आबकारी अधिकारी का दफ़्तर भी यहीं परिसर में है। बच्चों को रेस्क्यू करने के बाद FIR दर्ज की जा चुकी है और अब आबकारी अधिकारी के विरुद्ध कार्यवाही करने के लिए सरकार को नोटिस जारी किया जा रहा है।
बच्चों की वर्तमान स्थिति:
वहीं कलेक्टर अरविंद दुबे ने बताया कि पूछताछ के लिए आज फिर सभी बच्चे अपने पैरेंट्स के साथ वापस आए हैं और उनका मेडिकल डॉक्टर की देखरेख में चल रहा है। सभी 39 बच्चों का मेडिकल भी चल रहा है और जांच के बाद कठोर कार्रवाई की जाएगी।
सोम डिस्टलरी के मालिक पर अब कठोर कार्रवाई का इंतजार:
दरअसल इस घटना ने बाल श्रम के खिलाफ चल रहे अभियान को और तेज कर दिया है और राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) की नजर इस पर बनी हुई है। हालांकि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश के बाद इस मामले में कड़ी कार्रवाई करते हुए बड़े बड़े अधिकारीयों को निलंबित कर दिया है। लेकिन अभी भी सभी को इंतजार है कि सोम डिस्टलरी के मालिक पर कब तक कठोर कार्रवाई देखने को मिलेगी।