MP News: वसूली करिए उसकी वफादारी मत निभाइए.. रायसेन शराब फैक्ट्री मामले में श्रम विभाग पर भड़के NCPCR अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो

MP News: रायसेन जिले की शराब फैक्ट्री में बाल श्रम के मामले को लेकर अब एनसीपीसीआर अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने सोशल मीडिया के माध्यम से श्रम विभाग पर नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने अपने पोस्ट के माध्यम से श्रम विभाग को कानून का पालन करने की सलाह दी है।

Saumya Srivastava
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MP News: रायसेन जिले की शराब फैक्ट्री में बाल श्रम के मामले को लेकर अब राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने सोशल मीडिया के माध्यम से श्रम विभाग पर नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने अपने पोस्ट के माध्यम से श्रम विभाग को कानून का पालन करने की सलाह दी है। कहा कि जिम्मेदारों ने कानून का उल्लंघन किया है विभाग की जिम्मेदारी है कि वो नियमों का पालन करें।

एनसीपीसीआर अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने क्या कहा?

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने रायसेन जिले की शराब फैक्ट्री में बच्चों द्वारा काम करने पर श्रम विभाग को फटकार लगाते हुए सोशल मीडिया अकांउट एक्स पर लिखा कि “बेशर्म श्रम विभाग….शराब फ़ैक्टरी में बच्चों से काम करवाने के मामले में ज़िम्मेदार विभागों में बेशर्मी की होड़ लगी हुई है, महिला अधिकारी को बच्चों की जली हुई चमड़ी नहीं दिखी जो यह नोटिस-नोटिस का खेल खेल रही हैं ? बच्चों से शराब बनवाना संज्ञेय अपराध है,उन पीड़ितों मुआवज़ा दीजिए, बैकवेजेज़ दीजिए, फ़ैक्टरी मालिक से वसूली करिए उसकी वफ़ादारी मत निभाइए, क़ानून का पालन करिए,आप सरकार हैं साहब”।

क्या है पूरा मामला

दरअसल शनिवार को एनसीपीसीआर के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने मध्य प्रदेश दौरे के दौरान रायसेन में शराब फैक्ट्री पर छापा मारा। उन्हें शिकायत मिली थी कि इस फैक्ट्री में मासूम बच्चों से काम कराया जा रहा है। छापेमारी के दौरान पाया गया कि 50 से अधिक बच्चे, जिनमें 20 लड़कियाँ भी शामिल थीं, शराब बनाने का काम कर रहे थे। वहीं रसायनों के संपर्क में रहने से कई बच्चों के हाथ की चमड़ी जल चुकी है। बच्चों को रेस्क्यू कर प्रशासन के हवाले कर दिया गया था, लेकिन बाद में बच्चे गायब हो गए।

24 घंटे तक बच्चों को कहां रखा गया?

बच्चों के गायब होने पर प्रियंक कानूनगो ने कहा कि बाल श्रमिकों को रेस्क्यू करके पुलिस प्रशासन की कस्टडी में दे दिया गया था। अब 24 घंटे तक इन बच्चों को कहां रखा गया। वहीं जिम्मेदारों ने कानून का उल्लंघन किया है। इसलिए हम इस पूरे मामले को सुप्रीम कोर्ट लेकर जाएंगे।


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Saumya Srivastava

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पत्रकार बनने का सपना तो स्कूल के समय से ही था। फिर इस सपने को पंख लगाने के लिए मैंने DDU गोरखपुर से पत्रकारिता में स्नातक किया। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय भोपाल से डिजिटल जर्नलिज्म में परास्नातक की पढ़ाई पूरी की। पढ़ाई के दौरान ही सीखने के लिए मैंने अनादि टीवी में इनपुट डेस्क पर काम किया फिर डिजिटल मीडिया में कदम रखते हुए द सूत्र में काम किया फिर एमपी ब्रेकिंग न्यूज से जुड़ी। उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जिले की रहने वाली हूं। मैं पॉलिटिकल, क्राइम, हेल्थ, एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल पर खबरें लिखती हूं।

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