Mon, Dec 29, 2025

ऐसी खबरों के प्रकाशन को अवमानना की श्रेणी में रखा जा सकता है, हनुमान मंदिर की खबरों को लेकर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने जारी किया प्रेस नोट

Written by:Bhawna Choubey
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MP News: मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने हनुमान मंदिर को लेकर फैलाई जा रही अफवाहों का खंडन करते हुए एक प्रेस नोट जारी किया है। इसमें कहा गया है कि माननीय मुख्य न्यायाधीश के बंगले से किसी मंदिर को हटाए जाने की खबरें पूरी तरह से निराधार और झूठी हैं।
ऐसी खबरों के प्रकाशन को अवमानना की श्रेणी में रखा जा सकता है, हनुमान मंदिर की खबरों को लेकर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने जारी किया प्रेस नोट

MP News: मध्य प्रदेश हाई कोर्ट प्रशासन ने हाल ही में मुख्य न्यायाधीश एस.के. कैत के आधिकारिक बंगले से मंदिर हटाए जाने के दावे वाली खबरों का खंडन किया है। प्रशासन ने यह साफ किया है कि ऐसी खबरें पूरी तरह से आधारहीन, झूठी और गुमराह करने वाली हैं।

कोर्ट ने इसे न्याय के काम में दखल मानते हुए गलत कहा है, मीडिया और लोगों से ऐसी बातें न फैलाने की अपील भी की है। यह भी कहा है कि ऐसी बातें न्यायपालिका की इज्जत को ठेस पहुंचाने की कोशिश है।

मुख्य न्यायाधीश के बंगले से मंदिर हटाने की खबरें झूठी

इस मामले में मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल धर्मिंदर सिंह ने एक बयान में मुख्य न्यायाधीश के बंगले से मंदिर हटाई जाने वाली खबरों को झूठा ठहराया है। उन्होंने बताया है कि लोक निर्माण विभाग ने भी पुष्टि की है, की मुख्य न्यायाधीश की आवास पर कोई भी मंदिर नहीं था। इस तरह की अफवाहें और खबरें सिर्फ और सिर्फ जनता को गुमराह करने की कोशिश करती हैं, और न्यायपालिका की छवि को खराब करने के लिए फैलाई जा रही है।

हाई कोर्ट ने अपने बयान में कहा है कि न्यायपालिका के खिलाफ झूठी और गुमराह बातें फैलाने का प्रयास न केवल कानून व्यवस्था को कमजोर करता है, बल्कि न्यायिक स्वतंत्रता और उसकी गरिमा को भी ठेस पहुंचाता है।

रिपोर्ट्स का खंडन

इन निराधार रिपोर्ट्स का सिर्फ और सिर्फ एक ही उद्देश्य लगता है, और वह है न्यायपालिका की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाना। जबकि हमारी न्यायपालिका निष्पक्षता और पारदर्शिता के साथ न्याय देने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। इसी तरह अदालत ने मीडिया संगठनों और आम जनता से अपील की है कि वे ऐसी अपमानजनक और झूठी जानकारी को फैलाने से बचें और न्यायपालिका की गरिमा को बनाए रखने में मदद करें।

संदीप कुमार, जबलपुर