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Sun, Dec 7, 2025

MP राजभवन का नया नाम, अब से राज्यपाल का हेडक्वार्टर होगा ‘लोक भवन’

Written by:Bhawna Choubey
मध्य प्रदेश के राजभवन का नाम अब ‘लोक भवन’ हो गया है। केंद्र सरकार के फैसले और पीएम मोदी के प्रतीकात्मक बदलावों के चलते पुराने नाम हटा दिए गए हैं। यह कदम कर्मचारियों और आम जनता के बीच राजभवन की नई पहचान बनाएगा।
MP राजभवन का नया नाम, अब से राज्यपाल का हेडक्वार्टर होगा ‘लोक भवन’

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव और राज्यपाल मंगुभाई पटेल की मौजूदगी में शुक्रवार को राजभवन की नई पहचान लोक भवन (Lok Bhawan) के रूप में दर्ज कराई गई। पुराने समय की औपनिवेशिक मानसिकता को पीछे छोड़ते हुए अब राज्यपाल का आधिकारिक निवास आम जनता की सोच और लोकतांत्रिक मूल्यों को प्रतिबिंबित करेगा।

यह बदलाव सिर्फ नाम तक सीमित नहीं है, बल्कि प्रतीकात्मक रूप से यह कदम देश में हो रहे बड़े बदलावों की श्रृंखला में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इससे पहले राजपथ का नाम कर्तव्य पथ किया गया था और अब राजभवन के ‘राज’ शब्द को हटाकर ‘लोक’ किया गया है।

क्यों बदला गया नाम

सरकार के निर्देश के अनुसार देश के आठ राज्यों के राजभवनों का नाम बदलकर ‘लोक भवन’ किया गया है। इनमें पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल, असम, उत्तराखंड, ओडिशा, गुजरात और त्रिपुरा शामिल हैं। लद्दाख में उपराज्यपाल के निवास का नाम भी लोक निवास कर दिया गया।

पिछले साल राज्यपालों के सम्मेलन में यह निर्णय लिया गया था कि राजभवन नाम परदेशी शासन सोच को दर्शाता है, जबकि लोकतांत्रिक मूल्यों को दर्शाने के लिए इसे ‘लोक भवन’ किया जाना चाहिए। इस बदलाव के माध्यम से जनता और सरकार के बीच भावनात्मक और प्रतीकात्मक दूरी को कम किया जा रहा है।

एमपी में बदलाव का असर

मध्य प्रदेश के राजभवन में लगे पुराने बोर्ड को हटाकर नई पट्टिका ‘लोक भवन’ स्थापित की गई। इस बदलाव के साथ यह स्थान न सिर्फ एक आधिकारिक निवास रहेगा बल्कि अब यह लोकतांत्रिक मूल्यों और आम जनता के साथ जुड़ाव का प्रतीक भी बनेगा।

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि यह बदलाव समय की मांग है और यह जनता के साथ राजभवन को और करीब लाएगा। राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने भी इस कदम को महत्वपूर्ण बताया और कहा कि यह नाम केवल प्रतीकात्मक नहीं बल्कि लोकतंत्र और जनप्रतिनिधित्व का संदेश देता है।

देशभर में पुराने औपनिवेशिक नामों से मुक्ति

केंद्र सरकार का यह फैसला सिर्फ नाम बदलने के लिए नहीं है, बल्कि देश को पुराने औपनिवेशिक प्रतीकों और शब्दों से मुक्त करने के लिए है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल के तहत अब देशभर में ऐसे बदलाव किए जा रहे हैं। उदाहरण के लिए, राजपथ का नाम अब कर्तव्य पथ, राज्यपाल निवास का नाम लोक भवन और लद्दाख में उपराज्यपाल का निवास अब लोक निवास कहलाता है। इसका मकसद है कि पुराने नाम धीरे-धीरे बदलकर जनता और लोकतंत्र के करीब लाए जाएँ।