ग्वालियर, अतुल सक्सेना। राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया (MP Jyotiraditya Scindia) ने केंद्रीय मानव संसाधन एवं विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक (Ramesh Pokhriyal Nishank) को पत्र लिखकर ग्वालियर के जीवाजी विश्वविद्यालय (Jiwaji University) को केंद्रीय विद्यालय (Central University) का दर्जा दिए जाने की मांग की है।
पिछले दिनों मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) को ग्वालियर के जीवाजी विश्वविद्यालय में मेडिकल कॉलेज (Medical College) खोले जाने की मांग करने वाले राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया (MP Jyotiraditya Scindia)ने अब जीवाजी विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दिए जाने का अनुरोध किया है इसके लिए सिंधिया ने केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को पत्र लिखा है।
सांसद सिंधिया (MP Jyotiraditya Scindia)ने पत्र में लिखा कि जीवाजी विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफ़ेसर संगीता शुक्ला से प्राप्त आवेदन पत्र आपकी तरफ प्रेषित कर रहा हूँ जिसमें इन्होंने जीवाजी विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्ज देने की मांग की है। पत्र में उन विभिन्न अधरों का भी उल्लेख किया गया है जिसके आधार पर जीवाजी विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा प्रदान किया जा सकता है। विस्तृत सन्दर्भ पत्र के साथ संलग है।
सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया (MP Jyotiraditya Scindia)ने लिखा कि जीवाजी विश्वविद्यालय के परिक्षेत्र में ग्वालियर चम्बल संभाग के 8 जिले आते हैं। जीवाजी विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा मिलने से ना केवल 8 जिलों को लाभ होगा बल्कि इससे पूरे प्रदेश के छात्रों को गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा, नई शिक्षा नीति के अनुसार प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। इससे ग्वालियर-चंबल परिक्षेत्र में आर्थिक, सामाजिक, उद्योगिक विकास को बल मिलेगा तथा छात्रों के लिए रोजगार के अत्यधिक अवसर प्राप्त हो सकेंगे|
सिंधिया (MP Jyotiraditya Scindia)ने पत्र के अंत में लिखा कि मैं अनुग्रहीत होऊंगा यदि आप सहानुभूतिपूर्वक कार्यवाही करेंगे और की गई कार्यवाही से मुझे एवं आवेदक को अवगत कराएँगे।
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Atul Saxena
पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....
पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....