MP: मोदी सरकार द्वारा मुस्लिम महिलाओं के हित में कई कानून बनाए जाने के बावजूद, कुछ लोग अभी भी शरीयत के पुराने नियमों को मानने और लागू करने पर अड़े हुए हैं। रीवा में एक ताजा मामला सामने आया है जहां एक शहर काजी ने एक शादीशुदा महिला का बिना तलाक दिए दूसरा निकाह करवा दिया है। काजी का दावा है कि पति ने पत्नी को मौखिक रूप से तलाक दे दिया था और शरीयत के अनुसार निर्धारित समय बीत जाने के बाद दूसरा निकाह करना जायज है। हालांकि, भारत में ट्रिपल तलाक को गैरकानूनी घोषित किया जा चुका है।
पति को फोन पर मिला तलाक
रीवा जिले के चौर इलाके में रहने वाले अजीज के जीवन में एक बड़ा संकट आ गया है। 2011 में शाहिदा बानो से विवाह करने के बाद उनके दो बच्चे हुए और उनका जीवन सामान्य रूप से चल रहा था। लेकिन हाल ही में, शाहिदा के व्यवहार में अचानक बदलाव आने लगा। सूत्रों के अनुसार, शाहिदा शहर के काजी मुफ्ती मुबारक मोहम्मद अजहरी के संपर्क में आ गई थीं। इसके बाद, वह अचानक घर से गायब हो गईं। अजीज ने उन्हें खोजने की काफी कोशिश की, लेकिन उनका कोई सुराग नहीं मिला। सबसे आश्चर्यजनक घटना 27 मार्च को हुई, जब शाहिदा ने अजीज को फोन करके तीन बार ‘तलाक’ कहकर उनके रिश्ते को समाप्त कर दिया।
काजी की दलील
शहर काजी ने अपनी दलील में बताया कि अजीज और शाहिदा के बीच अक्सर झगड़े होते थे, और अजीज की मारपीट से तंग आकर शाहिदा कई बार घर छोड़कर चली गई थी। अजीज ने गुस्से में कई बार मौखिक तलाक भी दिया था। यह सब तब से हो रहा है, जब मुस्लिम विवाह अधिनियम 2019 लागू नहीं हुआ था, इसलिए उस समय मौखिक तलाक मान्य माना जाता था।
काजी के अनुसार, शाहिदा का कहना है कि उसका पति उसे लगातार परेशान करता है और मौखिक तलाक की बात करने के बावजूद उसे आधिकारिक तौर पर तलाक नहीं देता। ऐसे में, अगर उसे दूसरी शादी की अनुमति नहीं मिली तो उसके पास आत्महत्या के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा। काजी का दावा है कि गांव के लोगों और महिला के देवरों ने कई बार दोनों के बीच मारपीट और मौखिक तलाक होते देखा है।
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रीवा का मामला, काज़ी ने कराया महिला का बिना तलाक़ दूसरा निकाह, ट्रिपल तलाक़ कानून को किया दरकिनार, कहा शरीयत के मुताबिक़ समय अवधि निकलने के बाद दी गई निकाह को रजामंदी,… pic.twitter.com/uYRfi6XP4G
— MP Breaking News (@mpbreakingnews) August 2, 2024
मुस्लिम विवाह अधिनियम 2019 क्या कहता है?
मुस्लिम विवाह अधिनियम 2019 के अनुसार, किसी भी तरह का तलाक चाहे वह मौखिक हो, लिखित हो या इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से दिया गया हो, वह गैरकानूनी है। इस अधिनियम के तहत, ट्रिपल तलाक को गैरकानूनी और दंडनीय अपराध घोषित किया गया है।
अधिवक्ता का क्या कहना है?
अधिवक्ता बीके माला का कहना है कि ट्रिपल तलाक कानून पूरे देश में लागू है और किसी भी धर्मगुरु को कानून का उल्लंघन करने का अधिकार नहीं है। उनका मानना है कि यह मामला सीधे तौर पर कानून की अवमानना है और इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
पुलिस क्या कर रही है?
रीवा के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अनिल सोनकर ने बताया कि इस मामले में संबंधित थाने को जांच के आदेश दिए गए हैं। जांच के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। पुलिस इस मामले को गंभीरता से ले रही है और सभी पहलुओं की जांच कर रही है।