MP Tourism Historical Sites : इन ऐतिहासिक स्मारकों ने समेटी हुई है बौद्ध संस्कृति, आप भी करें दीदार

MP Tourism Historical Sites : मध्यप्रदेश में कई सरे ऐतिहासिक स्थल मौजूद है जहां घूमने के लिए सबसे ज्यादा पर्यटक आते हैं। इन्ही में से कुछ बौद्ध संस्कृति में समेटे हुए हैं।

MP Tourism Historical Sites : भारत का दिल मध्य प्रदेश घूमने के लिहाज से बेहद खूबसूरत जगहों में से एक है। यहां कई सारी प्राकृतिक, धार्मिक और ऐतिहासिक धरोहरें मौजूद है। जिसका दीदार करने के लिए दूर-दूर से पर्यटक आते हैं।

मध्य प्रदेश इन दिनों पर्यटकों की पहली पसंद बना हुआ है। वहीं यहां की ऐतिहासिक धरोहरों का इतिहास जानने के लिए भी पर्यटक काफी ज्यादा उत्सुक रहते हैं। आज हम आपको मध्य प्रदेश के कुछ ऐसे ऐतिहासिक स्थलों के बारे में बताने जा रहे हैं जो बौद्ध संस्कृति को समेटे हुए हैं।

यहां लोगों को आत्मिक शांति की अनुभूति होती है। ऐसे में अगर आप ही मध्यप्रदेश घूमने आने का प्लान बना रहे हैं, तो एक बार जरूर इन ऐतिहासिक स्थलों का दीदार करें। यह जगह प्रकृति के बेहद करीब है। चलिए जानते हैं उनके बारे में –

MP Tourism Historical Sites : ये है बौद्ध संस्कृति वाले ऐतिहासिक स्थल

सांची स्तूपा

मध्य प्रदेश में बौद्ध तीर्थ स्थल में सांची स्तूपा सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है। ये यूनेस्को विश्व धरोहर में शामिल है। यह भोपाल से करीब 58 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां दूर-दूर से पर्यटक घूमने के लिए और इतिहास जाने के लिए आते हैं।

सांची स्तूप आका यह सुख सम्राट अशोक द्वारा निर्मित किया गया था। प्राचीन पत्थर की रचनाओं से इसे बनाया गया है। बताया जाता है कि इसी जगह पर अशोक के पुत्रों, राजा महिंदा और संघमित्रा, की शुरुआती शिक्षा संपन्न हुई थी।

सतधारा एक प्रसिद्द बौद्ध स्थल

यूनेस्को विश्व धरोहर सांची स्तूप से 9 किलोमीटर दूर स्थित सतधारा एक प्रसिद्ध स्थल है। ये भी बौद्ध संस्कृति से भरपूर है। यहां मौर्य और गुप्त काल से संबंधित बुद्ध के चित्र के साथ चित्रित स्तूप, चैत्य और चट्टान बनी हुई है। कहा जाता है कि ये भगवान बुद्ध के समर्पित शिष्य थे। यहां भी सबसे ज्यादा लोग घूमने के लिए आते हैं।

सोनारी बौद्ध स्थल

मध्यप्रदेश के सांची से 25 किमी दूर सोनारी एक पर्यटक स्थल है जो बेहद प्रसिद्ध है। यहां दो बड़े और पांच छोटे स्तूपों स्थापित हैं। जिसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं। इस जगह की खोज खोज सन 1850 में एक ब्रिटिशर ने की थी। ऐसे में एक ताबूत में पाया गया की वो अवशेष अलंकारों से सुसज्जित था। इस वजह से लंदन में विक्टोरिया और अल्बर्ट संग्रहालय में उसे स्थापित किया गया।