MP Tourism : इंदौर की भूतिया इमारत जो आज भी है अधूरी, जानें इसका इतिहास और रहस्य

Published on -
MP Tourism

MP Tourism : मध्य प्रदेश का दिल इंदौर घूमने के लिहाज से बेहद खूबसूरत शहर है। यहां एक से बढ़कर एक धार्मिक, प्राकृतिक और ऐतिहासिक स्थल मौजूद है, जहां का दीदार करने के लिए दूर-दूर से पर्यटक आते हैं। इन सबके अलावा कुछ ऐसी भी जगहें यहां मौजूद है जिन्हें डरावनी और शापित माना जाता है।

आज हम आपको एक ऐसी ही जगह के बारे में बताने जा रहे हैं जो सबसे भूतिया इमारत होने के साथ-साथ अधूरा महल है। यहां पर कुछ ना कुछ विनाशकारी घटित हुआ है। चलिए जानते हैं इसका अधूरे महल का रहस्य –

MP Tourism : ये है वो भूतिया इमारत

mp tourism

मान्यताओं के मुताबिक, मदहोश कोठी के नाम से मशहूर फूटी कोठी को शापित माना जाता है। हैरानी की बात यह है कि लोग यहां जाने से भी डरते हैं। लोगों का डर इतना था कि उसे दूर करने के लिए यहां मंदिरों का भी निर्माण करवाया गया। लेकिन उसके बाद भी यहां कई विनाशकारी घटनाएं घटित हुई।

इतना ही नहीं 2 मंजिला इमारत आज भी अधूरी पड़ी हुई है। जब भी इस महल को बनाने का प्रयास किया गया तो कुछ ऐसा घटित हुआ। इस वजह से महल को बनाया ना जा सका। इस जगह को भूत बंगला के नाम से भी जाना जाता है। इसमें कई रहस्य समेटे हुए हैं।

ये इंदौर के सुदामा नगर में मौजूद है जो आधा अधूरा है। इसकी वास्तुकला देखने लायक है। लेकिन यहां बरसों से भूत प्रेत काफी निवास है। जिसकी कई कहानियां लोगों को सुनने को मिली है।

फूटी कोठी का इतिहास

फूटी कोठी का निर्माण 1886 में शुरू किया गया था जो 1902 तक भी नहीं पूरा हो पाया। इसका निर्माण तुकोजीराव होलकर द्वारा शुरू करवाया गया था। कहा जाता है कि अंग्रेजों को टक्कर देने के लिए इस महल को बनवाया जा रहा था।

ऐसे में इस महल में अनुमानित 365 कमरे है जो बंद है। इस जगह पर हिंदू देवताओं के अठारह अर्ध-निर्मित मंदिर हैं। उसके बाद भी लोग इस जगह पर जाने से डरते हैं। इन मन्दिरों को लोगों के डर को दूर करवाने के लिए बनवाया गया था लेकिन कुछ फायदा नहीं हो पाया। एक एसी मान्यता इस महल से जुड़ी हुई है कि यहाँ एक दरवाजे को बनवाने के लिए राजमिस्त्री को इंग्लैंड से बुलवाया गया था।

कई बार इस महल का दरवाजा लगाने का प्रयास उसने किया लेकिन वह असफल रहा। जितनी बार उसे लगाया गया कोई रहस्यमयी हवा ने उसे उड़ा दिया। जिसके बाद से अब तक कोठी सभी के लिए खुली पड़ी है। हालांकि सभी कमरे बंद है।


About Author

Ayushi Jain

मुझे यह कहने की ज़रूरत नहीं है कि अपने आसपास की चीज़ों, घटनाओं और लोगों के बारे में ताज़ा जानकारी रखना मनुष्य का सहज स्वभाव है। उसमें जिज्ञासा का भाव बहुत प्रबल होता है। यही जिज्ञासा समाचार और व्यापक अर्थ में पत्रकारिता का मूल तत्त्व है। मुझे गर्व है मैं एक पत्रकार हूं।मैं पत्रकारिता में 4 वर्षों से सक्रिय हूं। मुझे डिजिटल मीडिया से लेकर प्रिंट मीडिया तक का अनुभव है। मैं कॉपी राइटिंग, वेब कंटेंट राइटिंग, कंटेंट क्यूरेशन, और कॉपी टाइपिंग में कुशल हूं। मैं वास्तविक समय की खबरों को कवर करने और उन्हें प्रस्तुत करने में उत्कृष्ट। मैं दैनिक अपडेट, मनोरंजन और जीवनशैली से संबंधित विभिन्न विषयों पर लिखना जानती हूं। मैने माखनलाल चतुर्वेदी यूनिवर्सिटी से बीएससी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में ग्रेजुएशन किया है। वहीं पोस्ट ग्रेजुएशन एमए विज्ञापन और जनसंपर्क में किया है।

Other Latest News