MP Tourism : मध्य प्रदेश फूड हब होने के साथ-साथ घूमने के लिए भी एक बेहतरीन जगहों में से एक है। मध्यप्रदेश में घूमने के लिए कई पर्यटन स्थल है जो बेहद प्रसिद्ध है। यहां दूर-दूर से लोग घूमने के लिए आते हैं। सबसे ज्यादा लोग मध्य प्रदेश के भोपाल में सबसे ज्यादा घूमने के लिए आते हैं। ये बेहद आकर्षित जगहों में से एक है। यहां पर कई धार्मिक, प्राकृतिक और ऐतिहासिक स्थल मौजूद है। भोपाल के आसपास 50 से 60 किलोमीटर के क्षेत्र में घूमने आए पर्यटकों को थोड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ता है क्योंकि उन्हें साधन नहीं मिल पाते हैं लेकिन जैसे तैसे वो उन जगहों पर पहुंच कर खूब आनंद उठाते हैं।
भोपाल झीलों की नगरी में आपको घूमने के लिए बड़ा तालाब, छोटा तालाब, वन विहार, लेक व्यू, शहीद भवन, बिरला मंदिर, शौर्य स्मारक जैसे कई ऐतिहासिक स्थल मौजूद है। जहां कई सैलानी घूमने के लिए आते हैं। वही भोपाल से 50 से 60 किलोमीटर की दूरी पर सालंकपुर, भीमबेटका, सांची स्तूप, सीहोर जैसे कई धार्मिक स्थल भी मौजूद है। इस साल मध्यप्रदेश घूमने आने वाले सैलानियों की पहली पसंद मध्यप्रदेश बना हुआ है। आप भी अगर मध्यप्रदेश में घूमने के लिए आए है तो भोपाल और उसके आसपास की जगहों का दीदार कर सकते है। वाहन की मदद से संपूर्ण भोपाल व उसके आसपास के दर्शन आप कर सकते हैं। चलिए जानते है भोपाल के टूरिजम स्पॉट के बारे में –
भोपाल में कई झीलें हैं जहां के नजारे देखने लायक है। पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र है। जो एक बार भोपाल की झीलों की नगरी में आ जाता है वह उसकी तारीफ किए बिना नहीं रहता। क्योंकि यहां आठ सबसे ज्यादा मनोरम दृश्य है, जो पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनते हैं। चलिए देखते है –
म्यूजियम –
भोपाल का म्यूजियम अद्भुत दृश्यों में से एक है। यहां पर आपको आदिवासी कला और संस्कृति कला की एक छाप देखने को मिलती है। आदिवासियों के इस्तेमाल में आने वाली हर छोटी बड़ी चीजें यहां मौजूद है। यह म्यूजियम 2 एकड़ में बनाया गया है। इसे देखने के लिए पर्यटकों की भीड़ लगी रहती है। इस म्यूजियम से कुछ दूर पर ही वन विहार मौजूद है। जो बेहद बड़ा है। अगर आप भोपाल में है तो एक बार इस म्यूजियम को देखने के लिए जरूर जाए। यहां आपको बैगा, सहरिया, गोंड, भील, कोरकू, कोल और भारिया जनजातियों की झलकियां देखने को मिलती है।
झील है बड़ा तालाब –
भोपाल में बड़े तालाब और छोटे तालाब पर लोगों की सबसे ज्यादा भीड़ देखने को मिलती है। इसके अपर लेक और लोवर लेक भी कहा जाता है। खास बात ये है कि ये राजधानीवासियों के लिए पीने के पानी का सबसे मुख्य स्त्रोत है। यहां एक पार्क बना हुआ है जो यहां के व्यू को और ज्यादा खूबसूरत कर देता हैं। भोपाल आए है तो एक बार जरूर यहां जाए। भोपाल का बड़ा तालाब एशिया की सबसे बड़ी झील के रूप जाना जाता है। सुबह 6 बजे से रात 10 तक यहां आ सकते हैं।
वनविहार –
भोपाल में पहाड़ी पर वन विहार स्थित है।दरअसल, 26 जनवरी 1983 को पहाड़ी और उसके आसपास के 445.21 हेक्टेयर जगह को राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा देने के साथ वन विहार का नाम दिया गया। यहां अक्सर सैलानियों की भीड़ देखने को मिलती है। यहां आपको बाघ, सिंह, तेंदुआ, भालू, हायना, सियार, गौर, बारासिंगा, सांभर, चीतल, नीलगाय, कृष्णमृग, लंगूर, जंगली सुअर, सेही, खरगोश, मगर, घड़ियाल, कछुआ के साथ अन्य प्रकार के जीव जंतु देखने को मिलते हैं। यहां घूमने आए सैलानियों को 15 रुपए फीस और विदेशियों को 200 रूपये देना पड़ते हैं।
इसके अलावा भी आपको भोपाल में और उसके आसपास घूमने के लिए महल की जटिल नक्काशी,संगमरमर से बनी है मोती मस्जिद, बिड़ला संग्रहालय, 30 हजार साल पुरानी भीमबेटका, सम्राट अशोक के शासन में बना सांची स्तूप जहां आपको प्राकृतिक और ऐतिहासिक इमारतें देखने को मिल जाती है।
About Author
Ayushi Jain
मुझे यह कहने की ज़रूरत नहीं है कि अपने आसपास की चीज़ों, घटनाओं और लोगों के बारे में ताज़ा जानकारी रखना मनुष्य का सहज स्वभाव है। उसमें जिज्ञासा का भाव बहुत प्रबल होता है। यही जिज्ञासा समाचार और व्यापक अर्थ में पत्रकारिता का मूल तत्त्व है। मुझे गर्व है मैं एक पत्रकार हूं।
मैं पत्रकारिता में 4 वर्षों से सक्रिय हूं। मुझे डिजिटल मीडिया से लेकर प्रिंट मीडिया तक का अनुभव है। मैं कॉपी राइटिंग, वेब कंटेंट राइटिंग, कंटेंट क्यूरेशन, और कॉपी टाइपिंग में कुशल हूं। मैं वास्तविक समय की खबरों को कवर करने और उन्हें प्रस्तुत करने में उत्कृष्ट। मैं दैनिक अपडेट, मनोरंजन और जीवनशैली से संबंधित विभिन्न विषयों पर लिखना जानती हूं। मैने माखनलाल चतुर्वेदी यूनिवर्सिटी से बीएससी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में ग्रेजुएशन किया है। वहीं पोस्ट ग्रेजुएशन एमए विज्ञापन और जनसंपर्क में किया है।