Transfer in MP : मध्य प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों अधिकारियों और पुलिसकर्मियों के लिए काम की खबर है। विधानसभा के मानसून सत्र के बाद प्रदेश में छह माह से लगा तबादलों पर बैन हटने की संभावना है। खबर है कि जुलाई में मोहन यादव सरकार 15 दिनों के लिए तबादलों से प्रतिबंध हटा सकती है। इसके साथ ही नई तबादला नीति भी घोषित कर सकती है। माना जा रहा है कि तबादलों से बैन हटने के बाद प्रदेश में बड़ी प्रशासनिक सर्जरी हो सकती है।
नई तबादला नीति में प्रभारी मंत्री होंगे ताकतवर
- नई तबादला नीति के तहत विभागों को प्रशासनिक आधार पर तबादले करने का अधिकार दिया जा सकता है, तब तक मंत्रियों को भी जिले का प्रभार मिल जाएगा।इसके बाद मंत्रियों के अनुमोदन से जिले के भीतर तबादले हो सकेेंगेे।नई तबादला नीति में जिला स्तर पर होने वाले तबादलों में प्रभारी मंत्री को पॉवर मिलेगा।
- इसके तहत IAS, IG , SP, IPS समेत बड़े अधिकारियों के अलावा विभिन्न विभागों में कार्यरत कर्मचारियों का तबादला किया जा सकता है।हालांकि इस अवधि में केवल वे ही तबादला मुख्यमंत्री कार्यालय से पूछे बिना नहीं होंगे, जिन्हें मुख्यमंत्री समन्वय से आदेश लेकर हटाया गया था।चुंकी अभी तक मुख्यमंत्री समन्वय के माध्यम से ही वे ही जरूरी तबादले हो रहे हैं।सुत्रों की मानें तो नई तबादला नीति में गंभीर बीमारी, प्रशासनिक, स्वेच्छा सहित अन्य आधार स्थानांतरण को प्राथमिकता मिलेगी।
चुनाव के चलते लग गया था तबादलों पर प्रतिबंध
दरअसल, राज्य सरकार आमतौर पर प्रतिवर्ष मई-जून में तबादलों पर से प्रतिबंध हटाती है। इसमें अधिकतम 20 प्रतिशत तबादले करने का अधिकार विभागीय मंत्रियों को दिया जाता है। लेकिन इस बार लोकसभा चुनाव के लिए मतदाता सूची तैयार करने के लिए कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही तबादलों पर प्रतिबंध लग गया था। इसके चलते राज्य सरकार चुनाव कार्य में संलग्न 65 हजार बूथ लेवल ऑफिसर, कलेक्टर, कमिश्नर, पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस अधीक्षक समेत कई संवर्गों के अधिकारियों-कर्मचारियों के तबादले चुनाव आयोग की अनुमति के बाद नहीं कर सकती थी हालांकि इस अवधि में केवल उन्हीं अधिकारियों-कर्मचारियों के तबादले हुए जो प्रशासकीय दृष्टि से बहुत जरूरी थे।अब प्रतिबंध हटने के बाद फिर तबादलों का दौर शुरू होने वाला है।