राष्ट्रीय डेंगू दिवस पर लें जागरूकता का संकल्प, सीएम मोहन यादव ने की स्वच्छता और सतर्कता की अपील

डेंगू एडीज एजिप्टी मच्छर से फैलता है। ये मच्छर सिर्फ 200 मीटर ऊंचाई तक उड़ सकता और कपड़ों की गंध से आकर्षित होता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ सुझाव देते हैं कि हर हफ्ते 10 मिनट घर और आसपास की जाँच कर "मच्छर-मुक्त जोन" बनाएँ। रुका हुआ पानी हटाएं, पुराने सामान साफ करें और बच्चों को भी मच्छर भगाने का तरीका सिखाए। पूरी आस्तीन के कपड़े, मच्छर भगाने वाली क्रीम और जाली का उपयोग करें। लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

आज राष्ट्रीय डेंगू दिवस है। इस दिन का उद्देश्य डेंगू बुखार के निदान के प्रति जागरूकता फैलाना और इसके बचाव के उपायों को बढ़ावा देना है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा इस दिन को मनाने की शुरूआत की गई ताकि मानसून के मौसम से पहले लोग डेंगू से बचाव के लिए तैयार रहें। डेंगू एक मच्छर जनित वायरल बीमारी है जिससे हर साल भारत में लाखों लोग प्रभावित होते हैं।

आज के दिन सीएम मोहन यादव ने प्रदेशवासियों से स्वच्छता अपनाने और इस बीमारी से दूर रहने की अपील की है। उन्होंने X पर लिखा कि ‘स्वस्थ मध्यप्रदेश के संकल्प को साकार करने के लिए स्वच्छता, जागरूकता और समय पर उपचार ही हमारा सबसे बड़ा हथियार है। राष्ट्रीय डेंगू दिवस’ के अवसर पर संकल्प लें कि अपने आसपास जल जमाव नहीं होने देंगे, मच्छरों से बचाव और डेंगू के लक्षण व उपचार के प्रति जागरूकता की मशाल सतत जलाए रखेंगे।’

डेंगू के कारण

हमारे देश में डेंगू एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या है। मानसून के दौरान मच्छरों की संख्या में वृद्धि के कारण डेंगू के मामले बढ़ जाते हैं। राष्ट्रीय डेंगू दिवस पर विभिन्न जागरूकता अभियान, सेमिनार और सामुदायिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं ताकि लोग डेंगू के कारणों, लक्षणों, उपचार और बचाव के उपायों को समझ सकें।

डेंगू एक वायरल संक्रमण है जो खासतौर पर एडीज एजिप्टी मच्छर के काटने से फैलता है। यह मच्छर दिन के समय, विशेषकर सुबह और शाम के समय अधिक सक्रिय होता है। डेंगू वायरस के चार प्रकार होते हैं DEN-1, DEN-2, DEN-3, और DEN-4। एडीज एजिप्टी मच्छर रुके हुए पानी में प्रजनन करते हैं जैसे कि कूलर, गमलों, टायरों या खुले पानी के टैंकों में।

डेंगू का उपचार

डेंगू का कोई विशिष्ट एंटीवायरल उपचार नहीं है, लेकिन समय पर चिकित्सा देखभाल से मरीज की स्थिति को नियंत्रित किया जा सकता है। इलाज लक्षणों के आधार पर होता है। बीमार व्यक्ति को सबसे पहले डॉक्टर के पास लेकर जाएं और पूरा इलाज कराएं। डॉक्टर की सलाह पर मरीज को पर्याप्त मात्रा में पानी, नारियल पानी और ओआरएस घोल देना चाहिए ताकि शरीर में पानी की कमी न हो। बुखार और दर्द के लिए डॉक्टर द्वारा प्रिस्क्राइब दवाएं दें। गंभीर मामलों में मरीज को अस्पताल में भर्ती कर भी करना पड़ सकता है। इस बीमारी में प्लेटलेट्स की संख्या और अन्य महत्वपूर्ण संकेतकों की नियमित जांच जरूरी है।

बचाव और एहतियात

डेंगू से बचाव का सबसे प्रभावी तरीका मच्छरों के काटने और उनके प्रजनन को रोकना है। इसके लिए पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें, मच्छर भगाने वाली क्रीम या कॉइल का उपयोग करें और खिड़कियों-दरवाजों पर जाली लगाएं। घर के आसपास रुके हुए पानी को हटाएं, कूलर और टैंकों को नियमित रूप से साफ करें और गमलों में पानी जमा न होने दें। स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर फॉगिंग और स्वच्छता अभियान में भाग लें। कोई भी लक्षण दिखाई देने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।


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Shruty Kushwaha

Shruty Kushwaha

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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